मुंबई। देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने साथियों के साथ मिलकर बाहरी बेंचमार्क से जुड़े नए रिटेल और बिजनेस लोन पर ब्याज दरों में 15-25 बेसिस पॉइंट (bps) की कटौती की है।
इससे पहले बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक, यूको बैंक और दो निजी बैंक—करूर वैश्य बैंक और आरबीएल बैंक भी अपने रेपो-लिंक्ड लोन की ब्याज दरों में इसी तरह की 15-25 bps की कमी कर चुके हैं।
हालांकि, बड़े बैंकों में से HDFC बैंक ही एकमात्र ऐसा बैंक है, जिसने इस कटौती में शामिल होकर नए ग्राहकों को फायदा नहीं पहुंचाया। इसके बजाय, इसने MCLR-आधारित ऋण दरों में 5 bps की वृद्धि कर दी। HDFC बैंक के मौजूदा ऋण दरें आवासीय ऋण के लिए 8.75-9.65% और अन्य ऋणों के लिए 9.40-9.95% के बीच हैं।
SBI की नई ब्याज दरें
SBI की यह कटौती 15 फरवरी से प्रभावी हो गई है और यह निर्णय तब आया जब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लगभग पांच वर्षों में पहली बार रेपो दर में 25 bps की कटौती की।
अब SBI के होम लोन की ब्याज दरें 8.25% से 9.2% के बीच होंगी, जो उधारकर्ता के क्रेडिट स्कोर पर निर्भर करेगा। वहीं, बिजनेस लोन की दरें डिपॉजिट दरों के समायोजन के आधार पर निर्धारित होंगी।
बैंक ने अपनी वेबसाइट पर घोषणा की कि बाहरी बेंचमार्क दर (EBR) से जुड़े होम लोन अब 8.9% की दर पर मिलेंगे, जो 6.25% रेपो दर पर 2.65% के स्प्रेड के बराबर होगा।
• टॉप-अप होम लोन: 8.55% से 11.05%
• ओवरड्राफ्ट टॉप-अप: 8.75% से 9.7%
• संपत्ति के खिलाफ ऋण (Loan Against Property): 9.75% से 11.05%
हालांकि होम और छोटे बिजनेस लोन की ईएमआई घटेगी, लेकिन SBI के ऑटो लोन अभी भी एक-वर्षीय MCLR (मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स-बेस्ड लेंडिंग रेट) से जुड़े हैं, जो वर्तमान में 9% है। इसलिए, यह तभी घटेगा जब बैंक अपनी डिपॉजिट दरें कम करेगा।
SBI वर्तमान में भारत में होम लोन और ऑटो लोन बाजार में अग्रणी है, जिसका होम लोन पोर्टफोलियो 7.98 लाख करोड़ रुपये का है।