राजस्थान (Rajasthan) में पांच महीने के अंतराल के बाद बुधवार से स्कूल (schools) खुलने जा रहे हैं। एक सितंबर से शुरू हो रहे स्कूलों में 9वीं से 12वीं तक की कक्षाओं के विद्यार्थियों को बुलाने की अनुमति दी गई है। शिक्षा विभाग ने स्कूलों को खोले जाने और कोरोना प्रोटोकॉल की पालना को लेकर एसओपी जारी है। एसओपी के अनुसार 9वीं और 11वीं की कक्षाएं सुबह 7.30 से दोपहर 12.30 बजे तक लगेंगी।
इसी प्रकार 10वीं और 12वीं की कक्षाएं सुबह 8 से दोपहर 1 बजे तक संचालित होंगी। स्कूलों में योग कक्षाओं का संचालन किया जाएगा। बच्चों को आने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। बच्चों को बुलाने से पहले अभिभावक की लिखित अनुमति जरूरी होगी। जो विद्यार्थी स्कूल नहीं आएंगे उनकी ऑनलाइन क्लास जारी रहेगी।
वहीं दूसरी ओर शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी स्कूलों में 30 फीसदी तक पाठ्यक्रम (syllabus) में कटौती का फैसला किया गया है। शिक्षा विभाग हर महीने छात्रों के मूल्यांकन के लिए टेस्ट भी लेगा, ताकि भविष्य में लॉकडाउन की स्थिति में उसी आधार पर छात्रों का मूल्यांकन किया जा सके।
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने बताया कि लंबे समय से कोरोना संक्रमण की वजह से शिक्षा व्यवस्था बे-पटरी हो गई थी। ऐसे में छात्रों और शिक्षकों पर दबाव न बने इस बात को ध्यान में रखते हुए विभाग ने 30 फीसदी कोर्स में कटौती का फैसला किया है। आदेश जल्द जारी कर दिए जाएंगे। इसके तहत अब स्कूलों में सिर्फ 70 फीसदी कोर्स ही पढ़ाया जाएगा। ताकि समय पर 9वीं से 12वीं तक का कोर्स पूरा हो सके।
कोरोना की पहली लहर के बाद बंद हुए स्कूलों को 18 जनवरी 2021 को खोला गया था। उस समय भी पहले चरण में कक्षा 9 से 12 तक के स्कूल शुरू किए गए थे। बाद में कक्षा 6 से 8 तक के स्कूल खोल दिए गए। लेकिन दूसरी लहर के बाद अप्रेल में स्कूलों को बंद कर दिया गया था।
प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थान और कोचिंग संस्थान भी एक सितंबर से खुल जाएंगे। यहां भी कोविड प्रोटोकॉल की पालना सुनिश्चित कराई जाएगी। उच्च शिक्षण संस्थानों में क्लास अटैंड करने वाले हर विद्यार्थी को मोबाइल में आरोग्य सेतु एप या राजकोविड इन्फो एप डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका है। ऐसे में शिक्षा विभाग द्वारा अब हर महीने छात्रों का टेस्ट लेने का फैसला किया गया है। ताकि भविष्य में अगर हम परीक्षा नहीं करा पाए, तो भी बच्चों का मूल्यांकन कर सकें। इसके लिए शिक्षा विभाग ने हर महीने टेस्ट का प्रारूप तैयार कर लिया गया। इसे अगले महीने से मूर्त रूप दिया जाएगा।
डोटासरा ने बताया कि राजस्थान में छोटे बच्चों का स्वास्थ्य प्राथमिकता है। ऐसे में हर स्कूल की हकीकत जांची जाएगी। इसके लिए जनप्रतिनिधि और अधिकारी स्कूलों का औचक निरीक्षण करेंगे। कहीं कोई गड़बड़ी मिलने पर सख्त कार्रवाई होगी।