भगवान श्रीकृष्ण ने महर्षि सांदीपनि के आश्रम (उज्जैन) में शिक्षा ग्रहण की थी। मथुरा से सांदीपनि आश्रम तक जाने वाले मार्ग को राजस्थान एवं मध्यप्रदेश की सरकार संयुक्त रूप से विकसित करेंगी। इस ‘श्रीकृष्ण गमन पथ’ पर श्री कृष्ण के जीवन काल से जुड़े तथा पौराणिक आस्था के स्थानों को चिन्हित कर उनका विकास किया जाएगा। इस आशय की घोषणा राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर की।
राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच बनेगा श्री कृष्ण गमनपथ : सीएम भजन लाल शर्मा pic.twitter.com/Yryp16FLZe
— Vinayak Chaturvedi (@Vinayak181002) August 26, 2024
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उनका परिवार बहुत ही धार्मिक है। सोमवार को कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर डीग के पूंछरी का लौठा स्थित मुखारविंद मंदिर में सपत्नीक अभिषेक किया और श्रीनाथ जी मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि और खुशहाली के लिए कामना की। इस अवसर पर उन्होंने श्रीकृष्ण गमन पथ बनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस पथ में भगवान कृष्ण की जीवन यात्रा के महत्वपूर्ण स्थलों को धार्मिक सर्किट के रूप में जोड़ा जाएगा। इस परियोजना में मध्यप्रदेश के उज्जैन और अन्य स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा
मुख्यमंत्री शर्मा ने बताया कि श्रीकृष्ण गमन पथ को जल्द ही धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। इस पथ में उन सभी जगहों को शामिल किया जाएगा जहां-जहां भगवान कृष्ण ने अपने जीवन में भ्रमण किया था। मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित सांदिपनी में भगवान कृष्ण ने शिक्षा ग्रहण की थी। जानापाव (मध्य प्रदेश) में भगवान परशुराम ने उन्हें सुदर्शन चक्र प्रदान किया था। धार के पास अमझेरा में भगवान कृष्ण का रुकमणी हरण को लेकर युद्ध हुआ था। ऐसे ही कई महत्वपूर्ण स्थलों को सरकार पर्यटन स्थल बनाने जा रही है। माना जा रहा है कि श्रीकृष्ण गमन पथ में राजस्थान के भरतपुर जिले का कुछ हिस्सा भी शामिल होगा।
भगवान श्रीकृष्ण ने महर्षि सांदीपनि के आश्रम (उज्जैन) में शिक्षा ग्रहण की थी। मथुरा से सांदीपनि आश्रम तक जाने वाले मार्ग को राजस्थान एवं मध्यप्रदेश की सरकार संयुक्त रूप से विकसित करेंगी। इस ‘श्रीकृष्ण गमन पथ’ पर श्री कृष्ण के जीवन काल से जुड़े तथा पौराणिक आस्था के स्थानों को चिन्हित कर उनका विकास किया जाएगा।