नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के लाखों अभिभावकों की उम्मीदों को झटका देते हुए निजी स्कूलों को कोरोना काल की पूरी फीस वसूलने की इजाजत दे दी है।
सुप्रीम कोर्ट की डबल बैंच ने फीस मामले में सुनवाई करते हुए राजस्थान के गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों के प्रबंधकों को लॉकडाउन के दौरान की सौ फीसदी फीस 5 मार्च 2021 से 6 मासिक किस्तों में वसूल सकते हैं।
जस्टिस एएस खानविलकर और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की बैंच ने यह भी कहा है कि स्कूल फीस का भुगतान न करने के आधार पर छात्रों को न तो निष्कासित किया जा सकता है और न ही उनके परीक्षा परिणाम को रोका जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय विद्याभवन, एसएमएस व अन्य स्कूलों की अपील पर फैसला करते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय के उस फैसले पर भी रोक लगा दी है, जिसमें प्रबंधन को केवल 70 फीसदी ट्यूशन फीस वसूलने की इजाजत दी थी। गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों में यह व्यवस्था तब तक लागू रहेगी, जब तक सुप्रीम कोर्ट मामले में आगे की सुनवाई कोई फैसला न करे। किस्त व्यवस्था 2021-2022 के शैक्षणिक सत्र के लिए छात्रों द्वारा देय शुल्क से स्वतंत्र होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को भी आदेश दिया कि वह एक महीने के अंदर गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों को बकाया राशि का भुगतान करे, जो प्राइवेट स्कलों द्वारा 25 फीसदी ईडब्ल्यूएस छात्रों को आरटीई अधिनियम के अनुसार पढ़ाने के लिए वहन की जाती है।