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सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय का फैसला पलटते हुए के कविता को जमानत दी

देश के सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली शराब नीति में घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के मामलों में भारत राष्ट्र समिति (BRS) नेता के. कविता को आज, मंगलवार 27 अगस्त को जमानत दे दी। के कविता को 10-10 लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दी गई है। न्यायालय ने उन्हें गवाहों को प्रभावित न करने और सबूतों के साथ छेड़छाड़ न करने की शर्त रखी है। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) और एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) की निष्पक्षता पर सवाल उठाए और कुछ आरोपियों को सरकारी गवाह बनाने में उनके चयनात्मक दृष्टिकोण की आलोचना की। उल्लेखनीय है कि दिल्ली हाई कोर्ट ने सर्वोच्च न्यायालय से पहले के कविता की याचिका खारिज कर दी थी।
सर्वोच्च न्यायालय के जस्टिस गवई ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) एस.वी. राजू को चेतावनी दी कि यदि वे गुण-दोष के आधार पर जमानत का विरोध करना जारी रखते हैं तो न्यायालय आदेश में ऐसी टिप्पणियां करेगा। इस बिंदु पर लगभग एक घंटे तक बहस करने के बाद ASG ने आगे कोई दलील देने से परहेज किया। उन्होंने एक समय तो यह भी कहा कि वे निर्देश लेने के बाद जमानत स्वीकार करेंगे। हालांकि, सुनवाई स्थगित करने से इनकार करते हुए खंडपीठ ने आदेश लिखवाना शुरू कर दिया।
आदेश में खंडपीठ ने कहा कि जांच पूरी हो चुकी है और CBI/ED दोनों मामलों में आरोपपत्र/अभियोजन शिकायत दायर की जा चुकी है इसलिए याचिकाकर्ता, जो पांच महीने से अधिक समय से सलाखों के पीछे है, उनसे हिरासत में पूछताछ अब आवश्यक नहीं है। साथ ही दोनों मामलों में मुकदमे जल्द ही पूरे होने की संभावना नहीं है क्योंकि लगभग 493 गवाहों की जांच की जानी है और दस्तावेजी साक्ष्य लगभग 50,000 पृष्ठों के हैं।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने के कविता की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। जिसके बाद आज सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को पलट दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने के कविता को 10-10 लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने उन्हें गवाहों को प्रभावित नहीं करने और सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करने का निर्देश दिया है।
के कविता को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद बीआरएस पार्टी के सदस्य ने कृषांक ने सोशल मीडिया पर अपनी खुशी जाहिर की। उन्होंने लिखा कि 164 दिन जेल में कोई सबूत पेश नहीं किए गए। के कविता के खिलाफ लगाए गए झूठे आरोप भी सिद्ध नहीं किए जा सके। बीजेपी हार गई, कविता जीत गईं। सुप्रीम कोर्ट आपका धन्यवाद।
ईडी ने लगाए थे सबूत नष्ट करने के आरोप
ईडी ने आबकारी नीति मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने के कविता पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। ईडी ने अपनी चार्जशीट में बीआरएस नेता के कविता पर इस मामले में अपनी भूमिका छिपाने के लिए कई सबूतों को नष्ट करने का आरोप लगाया था। ईडी ने चार्जशीट में बताया कि उन्हें के कविता के पास से 9 मोबाइल फोन मिले थे लेकिन उनमें से सभी फोन फॉर्मेट थे। किसी में भी कोई डेटा नहीं था। ईडी ने ये भी कहा कि के. कविता ने फाइव स्टार होटल में 10 लाख रुपये का एक कमरा बुक किया था। इसके साथ ही के कविता गवाहों को भी प्रभावित करने में शामिल थीं।

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