जयपुर। शनिवार को जयपुर के ऐतिहासिक अल्बर्ट हॉल पर ‘ताल वाद्य कचहरी’ नामक संगीतमय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रसिद्ध ताल वाद्य कलाकार मुज़फ़्फ़र रहमान एवं उनके साथियों ने शानदार प्रस्तुतियां दीं, जिससे दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। गौरतलब है कि पर्यटन विभाग की ओर से राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और पारंपरिक कलाओं को संरक्षित और प्रचारित करने के उद्देश्य से ‘कल्चरल डायरीज’ श्रृंखला की शुरुआत की गई है। उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी के मार्गदर्शन में शुरू की गई इस पहल के अंतर्गत विभिन्न कला एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में ताल वाद्य कचहरी का आयोजन किया गया।
ताल वाद्य कचहरी भारतीय शास्त्रीय और लोक संगीत की एक अनूठी परंपरा है, जिसमें विभिन्न प्रकार के ताल वाद्ययंत्रों का सामूहिक वादन किया जाता है। यह प्रस्तुति शास्त्रीय, लोक और भक्ति संगीत के कार्यक्रमों में देखने को मिलती है।
मुज्जफर रहमान की इस ताल वाद्य कचहरी में नगाड़ा, हारमोनियम,सारंगी, ढोलक, पखावज, सितार व खडताल जैसे वाद्य यंत्रों की कचहरी सजाई गई। गौरतलब है कि ‘कल्चरल डायरीज’ के अंतर्गत आयोजित इस कार्यक्रम ने दर्शकों को भारतीय संगीत की समृद्ध परंपरा से जोड़ा और पारंपरिक वाद्ययंत्रों की महत्ता को पुनः जीवित किया। विशुद्ध भारतीय शास्त्रीय संगीत से जुड़ी इस यह ताल वाद्य कचहरी दर्शकों को काफी रास आई, मंत्रमुग्ध कर देने वाली वाद्य यंत्रों की इस जुगलबंदी के बाद गायन की स्वरलहरियों के बीच दर्शकों ने कलाकारों को भरपूर दाद दी।
इस अवसर पर पर्यटन विभाग के अतिरिक्त निदेशक पवन जैन, संयुक्त निदेशक डॉ. पुनीता सिंह, उप निदेशक सुमिता मीणा, सहायक निदेशक हिमांशु मेहरा व पर्यटक अधिकारी अनिता प्रभाकर सहित कई अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।