विदेशी मुल्कों की धरती से भारत में आतंकवाद फैलाने वाले दो मोस्ट वांटेड खालिस्तानी आतंकियों का 120 घंटे के भीतर मारे जाना, यह एक बड़ी घटना है। पहले खालिस्तानी आतंकी अवतार सिंह खांडा मारा गया। इसके बाद 19 जून को कुख्यात खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में मौत हो गई।
विदेशी धरती से भारत में आतंकवाद फैलाने वाले खालिस्तानी आतंकी संदिग्ध परिस्थितियों में अज्ञात हमलावरों की गोली का निशाना बन रहे हैं। खासतौर पर ब्रिटेन, कनाडा, आस्ट्रेलिया, पाकिस्तान और यूएस में बैठे कई खालिस्तानी आतंकियों को यह गलतफहमी थी कि भारतीय जांच एजेंसी एनआईए, उन तक नहीं पहुंच सकती। उनका प्रत्यर्पण भी बहुत मुश्किल है।
किसान आंदोलन में लोगों को तोड़फोड़ के लिए उकसाने और उसके बाद दर्जनों बार केंद्र सरकार के खिलाफ भड़काने वाले ऑडियो-वीडियो टेप भेजने वाले खालिस्तानी आतंकवादी एवं सिख फॉर जस्टिस के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू दो दिन पहले भूमिगत हो गया है। सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े लोगों ने यह आशंका जताई है कि अगला नंबर गुरपतवंत सिंह पन्नू का हो सकता है। पन्नू के ब्रैम्पटन श्कनाडाश् में कहीं पर छिपने की बात सामने आई है।
खालिस्तान समर्थकों का पसीना छूटने लगा
सूत्रों का कहना है कि विदेशी मुल्कों की धरती से भारत में आतंकवाद फैलाने वाले दो मोस्ट वांटेड खालिस्तानी आतंकियों का 120 घंटे के भीतर मारे जाना, यह एक बड़ी घटना है। पहले खालिस्तानी आतंकी अवतार सिंह खांडा मारा गया। 15 जून को बर्मिंघम के एक अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी। उसने लंदन स्थित भारतीय दूतावास पर राष्ट्रीय ध्वज को उतारकर उसका अपमान किया था। इसके बाद 19 जून को कुख्यात खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में मौत हो गई। वह दो अज्ञात बंदूरधारियों की गोलियों का निशाना बना।
एनआईए की मोस्ट वांटेड लिस्ट में थे
ये दोनों आतंकी, एनआईए की मोस्ट वांटेड टेररिस्ट लिस्ट में शामिल थे। हरदीप सिंह निज्जर पर तो एनआईए ने दस लाख रुपये का इनाम रखा था। महज 120 घंटे में दो आतंकियों का मारे जाना, इसके बाद कनाडा और दूसरे मुल्कों में बैठे खालिस्तान समर्थकों का पसीना छूटने लगा है। खासतौर पर, खालिस्तानी आतंकी ‘गुरपतवंत सिंह पन्नू’ भूमिगत हो गया है। यही एकमात्र ऐसा आतंकी रहा है, जो भारत में खुलकर खालिस्तानी आंदोलन को आगे बढ़ा रहा है।
किसान आंदोलन से लेकर जी-20 के लिए धमकियां
गुरपतवंत सिंह पन्नू ही एकमात्र ऐसा शख्स रहा है, जिसने कभी भारतीय सुरक्षा एवं जांच एजेंसियों की परवाह नहीं की। किसान आंदोलन के दौरान उसने कई बार यह कहा था कि जो व्यक्ति लाल किला से तिरंगा उतारकर वहां खालिस्तानी झंडा फहराएगा, उसे भारी इनाम राशि दी जाएगी। उसके बाद 26 जनवरी और 15 अगस्त को लेकर भी पन्नू ने धमकी भरे ऑडियो-वीडियो टेप जारी किए थे। पंजाब में जब अमृतपाल सिंह फरार हुआ, तो उस दौरान भी केंद्रीय नेताओं को धमकी दी गई। जी-20 की पंजाब और जेएंडके में हुई बैठकों से पहले भी उसने हमला करने की धमकी दी थी।
दो साल से पंजाब पर थी बुरी नजर
सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े रहे एक पूर्व आईपीएस बताते हैं, ये अच्छी बात है कि खालिस्तानी आतंकी मारे जा रहे हैं। पिछले एक दो साल में, विशेषकर पंजाब को लेकर जो इनपुट मिल रहे थे, वे बहुत डरावने थे। उनमें दोबारा से पंजाब को 80 के दशक की मिलिटेंसी वाले दौर की तरफ ले जाने की तैयारी थी। अमृतपाल का उदाहरण सबके सामने है। हजारों की संख्या में मौजूद पुलिस बलों और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के बीच से वह भाग निकला। केंद्रीय एजेंसियों की रिपोर्ट में कई बातें कही गई। पंजाब में कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया।
विदेश में मान रहे थे खुद को महफूज
खालिस्तानी आतंकी, विशेषकर ब्रिटेन और कनाडा में खुद को महफूज मान रहे थे। खालिस्तानी गतिविधियों को लेकर इन दोनों देशों की सरकारों के साथ भारत अपनी नाराजगी जाहिर कर चुका है। अवतार सिंह खांडा, जिसने लंदन में स्थित भारतीय दूतावास पर तिरंगे को उतारने का दुस्साहस किया था, वह खुलेआम घूमता रहा। भारत सरकार ने पिछले साल गुरपतवंत सिंह के खिलाफ इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने का आग्रह किया था, जिसे स्वीकार नहीं किया गया। मोस्ट वांटेड खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की मौत के बाद गुरपतवंत सिंह भूमिगत हो गया। पन्नू को पाकिस्तानी आईएसआई का पूर्ण समर्थन हासिल है। उसने खालिस्तान के मुद्दे पर जनमत संग्रह को लेकर पाकिस्तान की यात्रा की थी। इस दौरान आईएसआई व उसके गुर्गें आतंकी संगठनों के सदस्यों के साथ पन्नू की मुलाकात हुई।
भारतीय नागरिक नहीं है पन्नू
सूत्रों का कहना है कि गृह मंत्रालय द्वारा पन्नू को यूएपीए के तहत आतंकी घोषित किया गया है। पंजाब और हरियाणा में भी पन्नू के खिलाफ केस दर्ज हैं। इसके बावजूद उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो सकी। वजह, पन्नू भारत का नागरिक नहीं है। ‘पन्नू’ कभी अमेरिका में रहता तो कभी ब्रिटेन व कनाडा में। वहां से पन्नू खालिस्तानी आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है। पन्नू के पास वहां की नागरिकता है। निज्जर और खांडा से पहले खालिस्तानी आतंकी परमजीत सिंह पंजवार 6 मई, 2023 को पाकिस्तान के लाहौर में मारा गया था। बशीर अहमद पीर रावलपिंडी में मारा गया। एलईटी आतंकी अब्दुल सलाम भट्टावी भी मई 2023 में पाकिस्तान में मारा गया। इनके अलावा भारत में आतंक फैलाने वाले खालिद रजा को कराची में गोली मारी गई थी।