जयपुर

चौपाटियों (Chowpatty) पर उठी चाट (chaat) की महक (smell) , ‘जल-भुन’ गए जयपुर वाले (people of Jaipur)

मुख्यमंत्री गहलोत ने किया प्रताप नगर और मानसरोवर की चौपाटियों का लोकार्पण, जयपुर के मंत्री, मुख्य सचेतक रहे नदारद

जयपुर। सोमवार को जयपुर के मानसरोवर और प्रताप नगर में आवासन मंडल की ओर से बनाई गई चौपाटियों (Chowpatty) से चाट(chaat) की महक (smell) उठी तो जयपुर वाले (people of Jaipur) नेताजी ‘जल-भुन’गए। जले-भुने जयपुर वालों की चर्चा चटखारे ले-लेकर कांग्रेस में होने लगी है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को आवासन मंडल की ओर से प्रताप नगर और मानसरोवर में बनाई गई चौपाटियों का लोकार्पण किया। इस दौरान उनके साथ स्वायत्त शासन मंत्री और आवासन मंडल के अध्यक्ष शांति धारीवाल रहे। पूरे कार्यक्रम के दौरान जयपुर से मंत्री और मुख्य सचेतक नदारद रहे, विधायकों में सिर्फ स्थानीय विधायक गंगा देवी और आदर्श नगर विधायक कार्यक्रम में पहुंचे।

कांग्रेस में कहा जा रहा है कि जब से मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा है कि प्रदेश में अगली सरकार कांग्रेस की ही बनेगी और वह शांति धारीवाल को चौथी बार स्वायत्त शासन मंत्री बनाएंगे, तभी से धारीवाल एक्शन में है। उन्होंने जयपुर वालों को साइड लाइन कर दिया है और खुद बिंदायक बने घूम रहे हैं। धारीवाल की इस कार्यशैली से जयपुर वाले सभी नेताजी बुरी तरह जल-भुन गए हैं।

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री के बयान के बाद धारीवाल ने पहले किशनबाग में बनाए जा रहे पार्क का दौरा किया, उसके बाद वह जवाहर सर्किल पर चल रहे कार्यों का निरीक्षण करने पहुंच गए और पौधारोपण किया। हैरानी की बात है कि इन कार्यक्रमों में न तो परिवहन मंत्री दिखाई दिए और न ही मुख्य सचेतक व जयपुर के विधायक शामिल हुए। सूत्र कह रहे हैं कि धारीवाल जयपुर के नेताओं को भाव ही नहीं दे रहे। यही कारण रहा कि चौपाटियों के लोकार्पण समारोह में भी जयपुर के नेता गायब रहे।

पता नहीं राजधानी में चल क्या रहा है? रविवार को आयोजित एक कवि सम्मेलन में शिरकत करने के लिए मुख्यमंत्री पहुंचे, लेकिन कोई मंत्री या विधायक वहां दिखाई नहीं दिया। कहा जा रहा है कि कार्यक्रम के दौरा विधायक रफीक खान को कार्यक्रम के बाहर घूमते देखा गया, लेकिन न जाने किस कारण से वह कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए।

मंत्रियों के दौरों की व्यवस्था यह रहती है कि जब भी कोई मंत्री किसी जिले का दौरा करता है, तो वह उस जिले से मंत्री, विधायकों व पार्टी से अन्य नेताओं को साथ लेकर दौरा करता है, लेकिन यहां तो उल्टी गंगा बह रही है और जयपुर के नेताओं को पूछा भी नहीं जा रहा।

अब धारीवाल जी किसकी रेकी कर रहे हैं
सूत्रों का कहना है कि पूर्व मुख्मंत्री वसुंधरा राजे अपने दूसरे कार्यकाल में अकेली ही दौरा करती थी। उस दौरान धारीवाल ने बयान दिया था कि वह तो रेकी करती घूम रही हैं। जयपुर के कांग्रेसी नेता अब धारीवाल पर सवाल खड़ा कर रहे हैं कि वह अकेले ही जयपुर में जेडीसी को साथ लेकर किसकी रेकी करते घूम रहे हैं। उन्हें तो जनता को पट्टे दिलाने चाहिए थे, लेकिन उनका ध्यान प्रशासन शहरों और गांवों के संग अभियान की ओर नहीं है। अभियान इस हद तक फ्लॉप होने लगा है कि खुद मुख्यमंत्री को अभियान के शिविरों का दौरा करना पड़ गया है।

पहले भी कर चुके ऐसा
उल्लेखनीय है कि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है, पूर्व में भी धारीवाल कइयों को राजनीति सिखा चुके हैं। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से मुख्यमंत्री निवास पर हुई गरमा-गरमी के बाद धारीवाल ने ग्रेटर निगम आयुक्त से मारपीट मामले में पहले महापौर सौम्या गुर्जर को उलझा कर निगम से रवाना करा दिया और उसके बाद शील धाभाई को कार्यकारी महापौर बनवा दिया। उनके इन कारनामों की खबर कांग्रेस तक में किसी के पास नहीं थी। कहा जा रहा है कि धारीवाल और जयपुर के नेताओं के बीच यहीं से तकरार की शुरूआत हुई थी। उस समय विरोध यही उठा था कि इतने बड़े प्रकरण में जयपुर के नेताओं से पूछा क्यों नहीं गया?

Related posts

संस्कार भारती का तीन दिवसीय ” राष्ट्रीय कला मिलन उत्सव 18 से 20 अक्टूबर, 2024 को गुलाबी नगर में

Clearnews

मई में राजस्थान को 365 मीट्रिक टन ऑक्सीजन और प्रतिदिन 10 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन की आवश्यकता

admin

राजस्थान में कोरोना संक्रमण की कड़ी तोड़ने में मदद के लिए ‘कोविड हेल्थ कंसल्टेंट’ और ‘कोविड स्वास्थ्य सहायक’ का किया जाएगा चयन

admin