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राजस्थान में तीन राष्ट्रीय राजमार्गों को पायलट प्रोजेक्ट के तहत बनाया जाएगा सड़क दुर्घटनामुक्त

जयपुर। प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं और उनसे होने वाली मृत्यु दर में कमी लाने के लिए राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। शासन सचिवालय में बुधवार को गृह, परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार की अध्यक्षता में ‘सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के संबंध’ में बैठक आयोजित हुई। उन्होंने परिवहन, पुलिस, चिकित्सा, सार्वजनिक निर्माण, एनएचएआई, जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए हरसंभव प्रयास करने के निर्देश दिए।

कुमार ने बताया कि बजट घोषणा की अनुपालना में प्रदेश के तीन प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों को पायलट प्रोजेक्ट के तहत सड़क दुर्घटनामुक्त बनाया जाना है। इनमें शाहजहांपुर से अजमेर (एनएच 448), बर-बिलाड़ा-जोधपुर (एनएच 25) व सीकर से बीकानेर (एनएच 110) राष्ट्रीय राजमार्ग है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सड़क दुर्घटना की रोकथाम के लिए गंभीर है, उनके द्वारा कार्यों की निरंतर निगरानी की जा रही है। दुर्घटनाएं रोकने के लिए सभी विभागों को मिलकर प्रयास करने चाहिए।

एसीएस ने कहा कि एंबुलेंस के रेस्पॉन्स टाइम और बेहतर बनाया जाए। सड़क दुर्घनाओं में गंभीर घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाने वाले गुड सेमेरिटन को मुख्यमंत्री चिरंजीवी जीवन रक्षा योजना के तहत पुरस्कृत कर प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने पुलिस अधीक्षकों और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को एनएचएआई की मदद से ओवरस्पीड वाहनों को ट्रेक कर सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस (आईरैड) एप्लीकेशन के जरिए सड़क दुर्घटना से संबंधित डेटा को तुरंत अपलोड करें, ताकि दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए उनका वैज्ञानिक विश्लेषण हो सके।

परिवहन एवं सड़क सुरक्षा आयुक्त महेंद्र सोनी ने कहा कि सड़क दुर्घटना सबसे बड़े किलर की भूमिका निभा रही है। यह सिर्फ दुर्घटना या आंकड़ा न होकर परिवार के लिए बड़ी क्षति है। रोड़ इंजीनियरिंग के लिए पीडब्ल्यूडी नोडल विभाग है, वह एनएचएआई से समन्वय कर उनका सुदृढ़ीकरण कराए। जिला प्रशासन, क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय द्वारा बाल वाहिनियों की नियमित जांच कराई जाए। बसों के संचालन के संबंध में स्कूल संचालकों के साथ बैठक करें। ब्लैक स्पॉट्स को जल्द ही दुरूस्त कराएं। सुनिश्चित करें कि ट्रैक्टर, ट्रेलर जैसे वाहनों में आमजन यात्रा नहीं करें। उन्होंने कहा कि आईरैड सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए बैक बोन साबित होगा। इसलिए दुर्घटनाओं के संपूर्ण जानकारी तुरंत अपलोड की जाएं।

अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस, यातायात वी.के. सिंह ने कहा कि दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए जिला कलक्टर द्वारा रोड़ सेफ्टी ऑडिट टीम गठित कर ऑडिट कराई जाए। यह भी सुनिश्चित करें कि दोपहिया वाहन चालक आईएसआई मार्क हेलमेट पहनकर ही वाहन चलाएं। संभावित दुर्घटना स्थलों के नजदीक ही एंबुलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित कराएं। राष्ट्रीय राजमार्गों पर अवैध पार्किंग एवं अतिक्रमण को हटाएं।

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