राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर रणथम्भौर नेशनल पार्क की बाघिन टी-111 के दो वर्ष के हो चुके तीन शावकों (दो बाघ एवं एक बाघिन का नामकरण करने का फैसला लिया है और इनके नाम चिरंजीवी, चिरायु एवं अवनी रखे गए हैं।
राज्य सरकार प्रदेश के वनों एवं वन्य जीवों को संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस (29 जुलाई) के अवसर पर रणथम्भौर नेशनल पार्क की बाघिन टी-111 के 2 वर्ष के हो चुके तीन शावकों (2 बाघ एवं 1 बाघिन) का नामकरण करने का फैसला लिया है। इनके नाम क्रमशः चिरंजीवी, चिरायु एवं अवनी रखे गए हैं।
इस अवसर पर गहलोत ने कहा कि वर्ष 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक विजेता कृष्णा पूनिया के नाम पर बाघिन टी-19 का नामकरण कृष्णा किया गया था। इसी प्रकार अब पैरा ओलंपिक पदक विजेता सुश्री अवनी लेखरा के नाम पर शावक का नाम अवनी रखने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि देश में जब बाघ विलुप्ति की कगार पर थे, तब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अप्रेल 1973 में ‘‘प्रोजेक्ट टाइगर’’ की शुरूआत की। इससे देश में बाघों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। पिछले 1 माह में रणथम्भौर नेशनल पार्क में 6 शावकों ने जन्म लिया है।