सभी महिलाओं को चरणबद्ध रूप से नि:शुल्क मिलेंगे सेेनेटरी नैपकिन
भारत (India) की प्रथम महिला प्रधानमंत्री (First woman Prime Minister) इंदिरा गांधी के जन्मदिवस के अवसर पर आगामी 19 नवम्बर को राज्य सरकार की ओर से राजस्थान (Rajasthan) की समस्त महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य एवं व्यक्तिगत शारीरिक स्वच्छता के प्रति जागरूक करने और विभिन्न रोगों से बचाव के लिए महत्वाकांक्षी ‘उड़ान योजना’ का शुभारंभ किया जाएगा। योजना के तहत विद्यालयों, कॉलेजों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों आदि के जरिए चरणबद्ध रूप से सेनेटरी नैपकिन का नि:शुल्क वितरण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उडान योजना के लिए 200 करोड़ रुपये के बजट प्रावधान के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है। प्रस्ताव के अनुसार, छात्राओं और किशोरियों को बेहतर हेल्थ एवं हाइजीन के लिए मुफ्त सेनेटरी नैपकिन वितरण का दायरा बढ़ाकर अब यह सुविधा आवश्यकतानुसार प्रदेश की सभी महिलाओं को चरणबद्ध रूप से उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही, महिला स्वयं सहायता समूहों, सामाजिक तथा गैर सरकारी संस्थाओं आदि के माध्यम से महिला स्वास्थ्य संबंधी विशेष जागरुकता अभियान चलाया जाएगा।
गहलोत द्वारा राज्य बजट वर्ष 2021-22 में घोषित उड़ान योजना का नोडल विभाग महिला अधिकारिता विभाग होगा। इसका क्रियान्वयन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, स्कूल शिक्षा तथा कॉलेज शिक्षा विभागों के साथ-साथ तकनीकी एवं उच्च शिक्षा, जनजाति क्षेत्रीय विकास और पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभागों की सहभागिता से किया जाएगा। प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तर पर 2 तथा जिला स्तर पर एक-एक ब्रांड एम्बेसेडर बनाए जाएंगे। योजना से जुड़े स्वयंसेवी संगठनों, ब्रांड एम्बेसेडर आदि को उत्कृष्ट कार्य करने के लिए पुरस्कृत भी किया जाएगा।
योजना के प्रस्ताव के अनुसार, राजस्थान स्वास्थ्य सेवाएं कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आरएमएससीएल) द्वारा स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से तैयार नैपकिन की ‘मुख्यमंत्री नि:शुल्क योजना’ के तहत खरीद की जाएगी। स्कूल-कॉलेजों तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों आदि के माध्यम से नैपकिन का मुफ्त वितरण किया जाएगा। आरएमएससीएल द्वारा सभी वितरण केंद्रों पर सेनेटरी नैपकिन का समुचित स्टॉक उपलब्ध कराया जाएगा। नैपकिन की व्यवस्था से संबंधित शिकायत हेल्पलाइन नम्बर 181 पर की जा सकेगी।
गहलोत के इस निर्णय से प्रदेश की सभी किशोरियों एवं महिलाओं में स्वास्थ्य और व्यक्तिगत स्वच्छता के प्रति जागरुकता बढ़ेगी। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्र की बालिकाएं एवं महिलाएं, जो संकोचवश अपनी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर चर्चा नहीं कर पाती हैं और इस कारण कई प्रकार के रोगों से ग्रसित हो जाती हैं, वे अधिक सुगमता से नि:शुल्क सेनेटरी नैपकिन की सुविधा का लाभ प्राप्त कर सकेंगी।