उदयपुर में इन दिनों तनावपूर्ण माहौल है। दो अलग-अलग समुदाय के 10वीं में पढ़ने वाले सहपाठियों में हुई मारपीट की घटना के बाद विद्यार्थी देवराज अब भी अस्पताल में गंभीर रूप से घायल है और उसकी स्थिति काफी गंभीर है। स्थानीय प्रशासन ने हमला करने वाले विद्यार्थी अयान शेख के घर पर नोटिस चस्पा किया था और अब उसके मकान पर बुलडोजर चलाकर उसे ध्वस्त कर दिया गया है।
जानकारी मिली है कि रविवार, 18 अगस्त को घायल विद्यार्थी देवराज की मां ने अपने पुत्र से मिलने का प्रयास किया था लेकिन अस्पताल कर्मी ने उन्हें धकेल कर बाहर निकाल दिया था और दो दिन बाद मिलने आने को कहा। इससे रुष्ट होकर देवराज की मां अस्पताल के बाहर ही धरने पर बैठ गयीं। यह बात जब समाज के अन्य लोगों को पता लगी तो इसके बाद से विद्यार्थी के परिजन और हिंदू समुदाय के लोग अस्पताल के बाहर ही एकत्र हो गये। समाज के लगों ने शहर का मुखर्जी चौक, सिंधी बाजार बंद करवा दिए। इस बात की सूचना मिलने पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। इसके अलावा राजनीतिक जनप्रतिनिधि भी वहां पहुंचे और उन्होंने काफी समझाइश की और उपचाररत विद्यार्थी के पिता और पांच अन्य गणमान्य समाजजनों को अस्पताल में मिलाने के लिए ले जाया गया। इस बीच मां भी बच्चे को दिखाने ले जाया गया। हालांकि वार्ड से बाहर आने के बाद मां ने लोगों को हाथ जोड़कर रोते हुए कहा कि बच्चा जिंदा है लेकिन सारे बात स्पष्ट करते हुए विद्यार्थी की मां बेसुध होकर गिर पड़ी। इसके बाद लोग वस्तुस्थिति जानने की मांग करने लगे। ऐसे में अस्पताल पहुंचे कलक्टर अरविन्द पोसवाल ने लाउड स्पीकर पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि चिकित्सकों ने प्रशासन से दो घंटे का समय मांगा है। इसके बाद विद्यार्थी को यरलिफ्ट करने का निर्णय किया जाएगा। कलक्टर ने समाजजनों से एक घंटे का समय मांगते हुए कहा कि उनकी मुख्यमंत्री से उनकी बात हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा है कि जरूरत पड़ी तो हेलीकाॅप्टर भी भेज दिया जाएगा।
उधर, राजस्थान में भजनलाल सरकार ने शनिवार को उदयपुर हिंसा मामले में बड़ी कार्रवाई की। चाकूबाजी करने वाले 10वीं कक्षा के छात्र के आयन शेख के मकान पर बुलडोजर चलवा दिया। यह कार्रवाई उदयपुर विकास प्राधिकरण की उस जांच के बाद की गई है, जिसमें आरोपी छात्र का मकान अवैध तरीके से वन भूमि पर बनाए जाने का खुलासा हुआ था। उल्लेखनीय है कि इस संबंध में 24 घंटे पहले ही क्षेत्रीय वन विभाग ने नोटिस जारी किया था और परिवार को 20 तारीख तक मकान खाली करने के लिए कहा था।
इसके पहले ही उदयपुर नगर निगम के अधिकारी शनिवार 17 अगस्त की दोपहर ही अपनी पूरी टीम के साथ जेसीबी लेकर मौके पर पहुंच गए। सबसे पहले उन्होंने हमलावर छात्र के मकान का बिजली कनेक्शन काट दिया। इसके बाद कम से कम समय में मकान को खाली करवाया गया। अधिकारियों ने जैसे ही सुनिश्चित किया कि मकान में कोई नहीं है, वैसे ही दो जेसीबी ने मकान तोड़ने की कार्रवाई शुरू कर दी। इस दौरान मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई और लोग जेसीबी के पीले पंजे से मकान को गिराने का नजारे देखते रहे।
नोटिस में क्या लिखा गया था?
क्षेत्रीय वन अधिकारी के साइन वाला जो नोटिस हमलावर छात्र के मकान पर 16 अक्टूबर 2024 को चस्पा किया गया था, उसमें लिखा है कि ‘यह मकान अवैध रूप से माछला मगरा की फॉरेस्ट लैंड पर बनाया गया है। यहां पर खुदाई करना, पक्का निर्माण करना या गैर वानिकी कार्य करना, राजस्थान वन अधिनियम 1953 एवं राजस्थान भू राजस्व अधिनियम 1956 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध है इसीलिए 20 तारीख तक आप स्वयं ही इस वन भूमि पर किए गए अतिक्रमण को हटा लें। वरना प्रशासन द्वारा बुलडोजर कार्रवाई के जरिए ये अतिक्रमण ध्वस्त कर दिया जाएगा। इस कार्यवाही के दौरान किसी भी प्रकार की कोई भी क्षति होती है तो इसके लिए परिवार स्वयं ही उत्तरदायी होगा।’
मौके पर भारी सुरक्षाबल की तैनाती
बुलडोजर कार्रवाई के दौरान इलाके में भारी सुरक्षाबलों की तैनाती रही जो दंगे जैसे किसी भी हालातों से निपटने के लिए तैयार नजर आए। सभी के सिर पर हेलमेट, हाथों में लाठी और शरीर पर बुलेटप्रुफ जैकेट थी। इस कार्रवाई के दौरान लोगों को आगे न आने देना और शांति व्यवस्था को कायम रखा गया।