केंद्र सरकार ने गन्ना किसानों को बड़ी खुशखबरी दी है। बुधवार को कैबिनेट की मीटिंग में मोदी सरकार ने गन्ने की एफआरपी को बढ़ाने का फैसला लिया है। पहले गन्ने की एफआरपी 305 रुपए प्रति क्विंटल थी, जिसमें 10 रुपए की बढ़ोतरी करते हुए इसे वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 315 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है। दरअसल केंद्र सरकार ने ‘कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कास्ट्स एंड प्राइज’ की सिफारिश पर गन्ने की एफआरपी बढ़ाने के लिए हरी झंडी दे दी है। इसके साथ ही गन्ना उत्पादक किसानों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई है।
सरकार के इस फैसले से लाखों किसानों को फायदा पहुंचेगा। बता दें कि एमएसपी उचित एवं लाभकारी मूल्य वह न्यूनतम मूल्य है, जिस दर पर चीनी मिलों द्वारा किसानों से गन्ना खरीदा जाता है। एफआरपी कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों के आधार पर केंद्र सरकार (आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए)) द्वारा तय की जाती है।
305 से 315 रुपए प्रति क्विंटल हुई गन्ने की रेट
कैबिनेट की बैठक के बाद मीटिंग में लिए गए फैसलों की जानकारी केंद्रीय सूचना एवं प्रोद्योगिकी मंत्री अनुराग ठाकुर और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने दी। गन्ने की कीमत में बढ़ोतरी के फैसले की जानकारी केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने दी। उन्होंने कहा कि आज कैबिनेट की बैठक में गन्ने के दाम में बढ़ोतरी करके 315 रुपए प्रति क्विंटल मूल्य निर्धारित किया गया है। पहले यह 305 रुपए प्रति क्विंटल थी।
यूपी और महाराष्ट्र के किसानों को सबसे ज्यादा लाभ
सरकार के फैसले से उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के किसानों को सबसे अधिक लाभ होगा। क्योंकि देश में सबसे ज्यादा गन्ने का उत्पादन इन्हीं दोनों राज्यों में होता है। फसल सीजन 2022- 23 के दौरान यूपी में 28.53 लाख हेक्टेयर में गन्ने की फार्मिंग की गई। वहीं, महाराष्ट्र में किसानों ने 14.9 लाख हेक्टेयर में गन्ने की बुवाई की थी। जबकि पूरे भारत में गन्ने का रकबा 62 लाख हेक्टेयर है। ऐसे में हम कह सकते हैं, देश में गन्ने के कुल रकबे में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 46 प्रतिशत है।
नैनो और सल्फर कोटेड यूरिया की खासियतें मंत्री ने बताई
नैनो यूरिया के इस्तेमाल पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि देश में बड़ी तेजी से नैनो यूरिया का प्रयोग बढ़ा है। इससे अनाज में जहरीली रसायनों की कमी आती है, जो स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है। साथ ही, उन्होंने सल्फर कोटेड यूरिया के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि भारत की मिट्टी में सल्फर की कमी है। ऐसे में सल्फर कोटेट यूरिया का इस्तेमाल कर किसान कम लागत में ज्यादा उपज हासिल कर सकेंगे।
एक साल में 6.30 लाख करोड़ किसानों को सब्सिडी
केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने आगे कहा कि किसानों के प्रति मोदी सरकार की प्रतिबद्धता है। उन्होंने फर्टिलाइजर सब्सिडी के आंकड़ों की बात करते हुए कहा कि हमने फर्टिलाइजर सब्सिडी बढ़ाई लेकिन उसका बोझ किसानों पर नहीं जाने दिया। हमने स्वामीनाथन कमीशन को लागू करने का काम किया। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 2 लाख 72 हजार करोड़ रुपया किसानों को दिया गया। किसान सम्मान निधि के तहत एक लाख एक हजार करोड़ रुपया किसानों के खाते में जमा किया गया। मंत्री ने आगे बताया कि बीते एक वर्ष में 6 लाख 30 हजार करोड़ रुपए किसानों को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से दिया गया है।