मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले पूर्णकालिक बजट में सरकार ने रक्षा मद में आवंटन में अच्छी बढ़ोतरी की है। चीन और पाकिस्तान की ओर से बने खतरे को देखते हुए भारत सेना के आधुनिकीकरण में जुटा हुआ है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वर्ष 2024-25 के लिए आम बजट पेश किया हैं। केंद्र में पीएम नरेंद्र मोदी की तीसरी बार सरकार बनने के बाद यह उनका पहला बजट है। बजट में नौकरी पेशा लोगों को इनकम टैक्स में राहत देने के साथ वित्त मंत्री ने रक्षा क्षेत्र पर भी विशेष जोर दिया है। चीन और पाकिस्तान की ओर से खतरे को देखते हुए भारत अपनी सेना के आधनिकीकरण में लगा है। ऐसे में सैन्य बजट में इस बार भी अच्छी बढ़ोतरी की गई है।
इस वक्त भारतीय सेना अपने हथियारों को अपग्रेड करने में जुटी है। इसके लिए रूस से एस-400 एंटी मिसाइल सिस्टम का सौदा हुआ है। इस सिस्टम की आपूर्ति भी शुरू हो गई है। इसी तरह रॉफेल लड़ाकू विमान के बाद भारत फ्रांस से परमाणु पनडुब्बी खरीद रहा है। इसके साथ भारत खुद तेजस जैसे देसी फाइटर जेट डवलप कर रहा है। सेना के मॉडर्नाइजेशन से जुड़े इन प्रोजेक्ट्स के लिए बड़े पैमाने पर पैसे की जरूरत है। ऐसे में वित्त मंत्री इस बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए आवंटन पांच फीसदी की बढ़ोतरी की है।
इस बार रक्षा मंत्रालय को सिविल खर्च के लिए 25,963.18 करोड़ दिए गए हैं। डिफेंस सर्विस के लिए 2,82,772.6 करोड़ का प्रावधान है। इस बजट में रक्षा क्षेत्र में पूंजीगत व्यय के लिए 1,72,000 करोड़ और पेंशन के लिए 1,41,205 करोड़ रुपये दिए गए। इस तरह कुल रक्षा बजट बढ़कर 6,21,940 करोड़ रुपये का हो गया है। यह राशि पिछली बार की तुलना में करीब 28 हजार करोड़ रुपये ज्यादा है।
बीते बजट में रक्षा आवंटन में भारी बढ़ोतरी
इससे पहले 2023-24 के पूर्णकालिक बजट में मोदी सरकार ने रक्षा मद में खर्च बढ़ाकर 5,93,537 करोड़ रुपये कर दिया था। यह आवंटन सरकार के कुल खर्च का 13.18 फीसदी था। बीते पूर्ण बजट में नॉन सैलरी-ऑपरेशन से जुड़े मद में आवंटन में 27,570 करोड़ रुपये की बढोतरी की गई थी। इस तरह इस मद में कुल आवंटन बढ़कर 90 हजार करोड़ रुपये हो गया।
बीआरओ के बजट में और बढ़ोतरी की उम्मीद
चीन से लगे इलाकों में सरकार का जोर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने पर है। इस कारण बीते बजट में बाॅर्डर रोड ऑर्गनाइनजेशन (बीआरओ) के बजट में 43 फीसदी की बढोतरी की गई थी। इसके साथ ही डीआरडीओ के बजट में भी नौ फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी। इस बार डीआरडीओ को और पैसे दिए जाने की संभावना है, क्योंकि यह संगठन देसी हथियारों के विकास में अहम भूमिका निभाता है।
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