जयपुर। राज्य में बिजली संकट के दौर में राहत भरा समाचार है कि रविवार को देर रात या सोमवार को सुबह तक कोटा ताप विद्युत गृह (Kota thermal power station) की यूनिट संख्या 6 में बिजली का उत्पादन शुरु हो जाएगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव एनर्जी डॉ. सुबोध अ्रग्रवाल ने बताया कि कोटा की इस यूनिट में 195 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा वहीं कालीसिंध तापीय विद्युतगृह की यूनिट 2 में 600 मेगावाट बिजली का उत्पादन आरंभ हो गया है।
इस बीच अतिरिक्त डॉ. अग्रवाल को केन्द्रीय कोल सचिव अनिल जैन ने एनसीएल और एसईसील से अधिक कोयला उपलब्ध कराने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करने का विश्वास दिलाया है। डॉ. अग्रवाल ने केन्द्रीय कोल सचिव को संदेश भेजकर जेएस कोल की अध्यक्षता में गठित सब ग्रुप की अनुशंसा के बाद भी एनसीएल से 4 रेक ही डिस्पेच होने व एसईसीएल से एक भी रेक डिस्पेच नहीं होने की और ध्यान आकर्षित करते हुए प्रतिदिन कम से कम दस रेक डिस्पेच कराने की मांग की है।
अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार प्रदेश में कोयले की उपलब्धता बढ़ाने के लिए कोल इंडिया व विद्युत निगम के संयुक्त उपक्रम पर दबाव बनाए हुए हैं। 9 अक्टूबर को विद्युत उत्पादन निगम को कोल एनसीएल से 5 कोल रेक और एसईसीएल से सडक कम रेल मोड से एक रेक डिस्पेच हुई है। इसके साथ ही विद्युत उत्पादन निगम के कोल ब्लॉक से 9 रेक डिस्पेच हुई है। उन्होंने बताया कि अब कुल मिलाकर औसतन 14 से 15 रेक कोयले की डिस्पेच होने लगी है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्य में विद्युत संकट की स्थिति की निरंतर समीक्षा कर रहे हैं और उसी का परिणाम है कि देश व्यापी संकट के बावजूद स्थिति में सुधार होने लगा है। कोल मंत्रालय पर विभाग के दबाव का असर भी होने लगा है।
अग्रवाल ने बताया कि रविवार को अवकाश का दिन और अधिक उमस भरी गर्मी होने के बावजूद बिजली की मांग में कुछ कमी देखी गई है, वहीं उपलब्धता में बढ़ोतरी हुई है। रविवार को करीब 696 मेगावाट की उपलब्धता बढ़ी हैं, वहीं करीब 99 मेगावाट की औसत मांग और 682 मेगावाट की अधिकतम मांग में कमी आई है। अग्रवाल ने बताया कि राज्य में मौसम के सुधार के कारण करीब 207 लाख यूनिट सौर उर्जा व 175 लाख यूनिट पवन उर्जा की उपलब्धता रही। उन्होंने बताया कि राज्य में रोटेशन के आधार पर बिजली की कटौती की जा रही है।