मनोरंजनशिक्षा

उन्मुक्त जीवन

विशाल नारायण

विचारों का स्वछन्द आगमन। व्यवहार की बरबस सरलता।।

आचरण और संस्कार का न कोई कृत्रिम बंधन। क्या यही है उन्मुक्त गतिमान जीवन।।

न कोई उपहास न कोई परिहास। केवल व्यक्तिगत अनवरत अट्टहास।।

न कोई परिभाषित विकास न कोई संयोजित ज्ञान। क्या यही है उन्मुक्त गतिमान जीवन।।

वायु वेग सा स्वाभाविक और चलायमान। आक्रोशित मन और उत्साहित ह्रदय का मंथन।।

क्रोध और करुणा का आवेश सदैव समान। क्या यही है उन्मुक्त गतिमान जीवन।।

कृतज्ञता और कृतार्थ का नहीं आलिंगन। सुलभ मधुर सानिध्य का आवश्यक एकाकीपन।।

पाना खोना अपनाने का न कोई स्वार्थ संगम। क्या यही है उन्मुक्त गतिमान जीवन।।

Related posts

कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लोकगीतों-कठपुतली नृत्य से करेंगे जागरुक

admin

मावठे में आया पानी कहीं बह नहीं जाए

admin

कोविड से मुकाबले की थीम पर राष्ट्रीय पेंटिंग एवं स्लोगन प्रतियोगिता

admin