नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने UPI 123Pay की ट्रांजैक्शन लिमिट को दोगुना कर 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया है। यह नया नियम 1 जनवरी 2025 से प्रभावी होगा। इस बदलाव से UPI उपयोगकर्ताओं को अधिक सुविधा और लचीलापन मिलेगा, खासकर उन लोगों को जो बिना इंटरनेट के पेमेंट करते हैं।
क्या है UPI 123Pay?
UPI 123Pay एक ऐसी सुविधा है जो बिना इंटरनेट कनेक्शन के भी भुगतान की अनुमति देती है। यह सुविधा उन उपयोगकर्ताओं के लिए है जो स्मार्टफोन और इंटरनेट के अभाव में भी डिजिटल भुगतान का लाभ उठाना चाहते हैं। UPI 123Pay के तहत पेमेंट के चार विकल्प उपलब्ध हैं:
1. IVR नंबर का उपयोग: एक निर्धारित नंबर पर कॉल करके भुगतान करना।
2. मिस्ड कॉल: लेनदेन की पुष्टि के लिए मिस्ड कॉल देना।
3. OEM-इंबेडेड ऐप्स: डिवाइस में पहले से मौजूद भुगतान ऐप का उपयोग।
4. साउंड बेस्ड टेक्नोलॉजी: ध्वनि आधारित तकनीक के जरिए भुगतान।
क्या है नया बदलाव?
आरबीआई ने UPI 123Pay की ट्रांजैक्शन लिमिट को बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया है। अब उपयोगकर्ता एक बार में अधिकतम 10,000 रुपये तक का लेनदेन कर सकते हैं, जो पहले 5,000 रुपये तक सीमित था। यह कदम डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने और उपयोगकर्ताओं की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
सुरक्षा पर विशेष ध्यान
नई व्यवस्था में भुगतान करते समय उपयोगकर्ताओं को एक बार पासवर्ड (OTP) की आवश्यकता होगी। यह कदम लेनदेन को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए उठाया गया है।
उपयोगकर्ताओं को मिलेगा समय
UPI 123Pay के नए नियमों को अपनाने के लिए उपयोगकर्ताओं को 1 जनवरी 2025 तक का समय दिया गया है। इसके बाद, वे बढ़ी हुई सीमा के तहत भुगतान कर सकेंगे।
नए नियमों का लाभ
इस बदलाव से डिजिटल भुगतान के दायरे में और अधिक लोग जुड़ सकेंगे, विशेष रूप से वे जो इंटरनेट की कमी के कारण डिजिटल पेमेंट से वंचित रह जाते हैं। इसके अलावा, यह सुविधा ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में रहने वाले उपयोगकर्ताओं के लिए भी फायदेमंद साबित होगी।
RBI का यह कदम डिजिटल भुगतान को अधिक समावेशी और सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।