नयी दिल्ली। अमेरिकी अदालत में गौतम अडानी और उनके भतीजे समेत आठ लोगों पर रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोपों के बाद अडानी ग्रुप ने गुरुवार को अपने बचाव में प्रतिक्रिया दी। ग्रुप ने इन आरोपों को पूरी तरह निराधार बताते हुए उनका खंडन किया और कहा कि वे कानूनी रूप से अपना बचाव करेंगे।
ग्रुप का स्टेटमेंट
अडानी ग्रुप ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा लगाए गए आरोप अभी प्रारंभिक अभियोग हैं। जब तक दोष सिद्ध नहीं हो जाते, तब तक प्रतिवादियों को निर्दोष माना जाना चाहिए। ग्रुप ने कहा कि वे इस मामले में हर संभव कानूनी कदम उठाएंगे।
शेयरधारकों को भरोसा दिलाया
अडानी ग्रुप ने अपने शेयरधारकों, कर्मचारियों और साझेदारों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि वे एक कानून का पालन करने वाला संगठन हैं। उन्होंने सभी सेक्टर में पारदर्शिता और रेगुलेटरी नियमों का पालन करने की प्रतिबद्धता दोहराई।
क्या है मामला?
अमेरिकी अभियोजकों ने आरोप लगाया है कि अडानी ग्रुप ने सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत दी। कोर्ट ने गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
शेयर बाजार पर प्रभाव
इन आरोपों का सीधा असर अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों पर पड़ा।
• अडानी इंटरप्राइजेज: 20% गिरावट के साथ 2,256.20 रुपये पर पहुंचा।
• अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस: 20% का लोअर सर्किट लगा।
• अडानी पोर्ट्स: इसी तरह 20% गिरावट।
बड़ा वित्तीय नुकसान
शेयरों में इस गिरावट से अडानी ग्रुप को भारी वित्तीय नुकसान हुआ।
• ग्रुप का कुल मार्केट कैप करीब 2 लाख करोड़ रुपये घटकर 12.3 लाख करोड़ रुपये रह गया।
• कुछ रिपोर्ट्स में यह नुकसान 3 लाख करोड़ रुपये तक बताया गया है।
• गौतम अडानी की व्यक्तिगत संपत्ति में 10.5 बिलियन डॉलर की कमी आई।
हिंडनबर्ग के बाद सबसे बड़ी गिरावट
2023 की शुरुआत में आई हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद ग्रुप के शेयरों में जो गिरावट हुई थी, गुरुवार की गिरावट उसके बाद अब तक की सबसे बड़ी मानी जा रही है।
अडानी ग्रुप की स्थिति
अडानी ग्रुप ने स्पष्ट किया है कि वे इस मामले को लेकर पूरी तरह से कानूनी प्रक्रिया का पालन करेंगे और अपने हितों की रक्षा करेंगे। इस बीच, शेयर बाजार में निवेशकों की निगाहें ग्रुप की आगे की रणनीति और आरोपों से निपटने के तरीकों पर टिकी हुई हैं।