वॉशिंगटन। नासा के अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर, अपने यान की तकनीकी खराबी के कारण, पिछले पांच महीनों से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) पर रह रहे हैं। इस लंबे प्रवास के दौरान वे कई प्रकार की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।
अंतरिक्ष में खाने की आपूर्ति सीमित होने के कारण उनकी स्थिति कठिन हो गई है। आमतौर पर अंतरिक्ष यात्री पिज्जा, रोस्ट चिकन, झींगा कॉकटेल और ट्यूना जैसी डिश का सेवन करते हैं। लेकिन हाल के दिनों में, नासा की स्पेस फूड सिस्टम्स लैब से भेजे गए ताजे भोजन की आपूर्ति कम हो गई है। यह स्थिति इसलिए और गंभीर हो जाती है क्योंकि सुनीता विलियम्स के स्वास्थ्य को लेकर चिंताएं व्यक्त की गई हैं।
ताजे भोजन की कमी और स्वास्थ्य पर प्रभाव
एक विशेषज्ञ ने बताया कि आईएसएस को हर तीन महीने में केवल एक बार ताजे खाने की आपूर्ति मिलती है। प्रारंभ में ताजे फल और सब्जियां भेजी जाती हैं, लेकिन समय के साथ ये समाप्त हो जाती हैं और पैक या फ्रीज-ड्राई भोजन ही विकल्प के रूप में बचता है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि दोनों अंतरिक्ष यात्रियों की सेहत पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
सुनीता विलियम्स के वजन में गिरावट को लेकर भी चिंता बढ़ी है। नासा के एक कर्मचारी ने खुलासा किया कि उनका वजन काफी कम हो गया है। उन्होंने बताया कि सुनीता को अपना वजन बनाए रखने के लिए हर दिन 3,500 से 4,000 कैलोरी का सेवन करना जरूरी है। इस चुनौती के बावजूद, उनके पास साइकिल, ट्रेडमिल और अन्य कसरत उपकरण हैं, जिनका उपयोग वे अपनी सेहत बनाए रखने के लिए कर रही हैं।
स्पेस स्टेशन में दरारें और रिसाव की समस्या
नासा की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, आईएसएस में दरारें और रिसाव तेजी से बढ़ रही हैं। स्पेस स्टेशन पर छोटी-मोटी लीकेज पहले भी होती रही हैं, लेकिन अब दरारों की संख्या 50 से अधिक हो चुकी है, जिससे अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं उत्पन्न हो रही हैं।
वापसी की उम्मीद
नासा ने बताया कि सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर के अगले वर्ष धरती पर लौटने की योजना है। एजेंसी उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।