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बहराइच में आदमखोर भेड़ियों के हमलों से दहशत, 48 घण्टों में 9 की मौत

बहराइच में हाल ही में आदमखोर भेड़ियों के हमलों से दहशत फैल गई है। 48 दिनों के भीतर, इन भेड़ियों ने 8 बच्चों और एक महिला सहित 9 लोगों की जान ले ली है। इसके अलावा, 45 लोग गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं।
पुलिस और वन विभाग की टीम इन आदमखोर भेड़ियों को पकड़ने के प्रयास में जुटी हुई है, और अब तक 4 भेड़ियों को पकड़ने में सफलता मिली है। लेकिन इंसानी खून और मांस का स्वाद चखने के बाद ये भेड़िये और भी अधिक खतरनाक हो गए हैं।
ताजा घटनाएं
रविवार को भेड़िये ने नाउवन गरेठी गांव में 3 साल की एक बच्ची को उसकी मां के सामने से उठा लिया। कुछ दूर जाकर बच्ची का शव मिला, और भेड़िया उसके दोनों हाथ खा चुका था। इसके बाद, उसी दिन भेड़िये ने कोटिया गांव में एक महिला पर भी हमला किया। परिवार वालों और पड़ोसियों की चीख-पुकार सुनकर भेड़िया भाग निकला, लेकिन तब तक वह महिला को गंभीर रूप से घायल कर चुका था। महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
भेड़ियों की रणनीति
भेड़िये सुनियोजित तरीके से गांवों में अपने शिकार का चयन कर रहे हैं। वे विशेष रूप से गरीब लोगों के घरों और बच्चों को निशाना बना रहे हैं। छोटेलाल जायसवाल के घर पर भेड़िये ने चार बार हमला करने की कोशिश की। उनके चार छोटे-छोटे बच्चे हैं, और भेड़िये ने पहले से ही रेकी कर ली थी कि बच्चों को छत पर सोते समय आसानी से शिकार बनाया जा सकता है। हालांकि, छोटेलाल ने हर बार शोर मचाकर भेड़िये को भगा दिया, लेकिन भेड़िये ने 7 किलोमीटर दूर एक अन्य गांव में 5-6 साल की बच्ची अफसाना को शिकार बना लिया।
गरीबी और सुरक्षा की कमी
बहराइच और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई गांवों में गरीबी और आवास की खराब स्थिति भेड़ियों के हमलों को आसान बना रही है। कई गांवों में लोग मिट्टी के कच्चे घरों या फूस की झोपड़ियों में रहते हैं, जिनमें दरवाजे भी नहीं होते। पीएम आवास योजना के तहत कुछ लोगों को घर मिले हैं, लेकिन ज्यादातर घरों में दरवाजे की जगह खटिया का इस्तेमाल किया जाता है। इस प्रकार की सुरक्षा उपायों के अभाव में भेड़ियों के लिए शिकार करना आसान हो जाता है।
भौगोलिक और पर्यावरणीय स्थितियां
बहराइच और इसके आसपास के इलाकों में घने जंगल और नदियों की उपस्थिति है, जो भेड़ियों और अन्य शिकारी जानवरों को आबादी के करीब लाने में सहायक होती हैं। मानसून के दौरान, जंगलों में पानी भर जाता है, जिससे भेड़िये और अन्य छोटे शिकारी जानवर भोजन की तलाश में मानव बस्तियों की ओर बढ़ते हैं।
वन विभाग की कार्रवाई
वन विभाग की टीम ने भेड़ियों को पकड़ने के लिए विशेष अभियान शुरू किया है। हालांकि, ये भेड़िये अत्यधिक चालाक और ढीठ साबित हो रहे हैं। एक भेड़िया को पकड़ने के बाद भी, उसके साथी 50 किलोमीटर दूर जाकर हमला कर देते हैं। लेकिन अब, वन विभाग के विशेषज्ञों और सुरक्षाकर्मियों की पूरी टीम को इन भेड़ियों को पकड़ने के लिए लगाया गया है, और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इन हमलों पर काबू पाया जा सकेगा।
इस घटनाक्रम ने बहराइच और आसपास के गांवों में भय का माहौल पैदा कर दिया है, और लोग अपने परिवारों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। प्रशासन और वन विभाग के प्रयासों से उम्मीद की जा रही है कि इन आदमखोर भेड़ियों से जल्द ही छुटकारा मिलेगा।

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