संभल। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान माहौल तब तनावपूर्ण हो गया, जब सर्वे की जानकारी मिलने पर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए। भीड़ को हटाने के प्रयास में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई, जिससे हालात बिगड़ गए। भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया।
स्थिति नियंत्रण में
डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि यह सर्वे कोर्ट के आदेश पर कराया जा रहा था। शरारती तत्वों द्वारा पथराव किए जाने के बावजूद सर्वे टीम को सुरक्षित निकाल लिया गया और स्थिति अब नियंत्रण में है। पत्थरबाजों की पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एसपी कृष्ण कुमार ने भी इस बात की पुष्टि की कि सर्वेक्षण के दौरान कुछ लोगों ने पथराव किया, जिसके जवाब में पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी।
सरकार और पुलिस का पक्ष
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि कोर्ट के आदेश का पालन करवाना प्रशासन की जिम्मेदारी है। उन्होंने चेतावनी दी कि न्यायालय के आदेश में बाधा डालने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कानून और व्यवस्था का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। वहीं, यूपी सरकार में मंत्री जयवीर सिंह ने स्पष्ट किया कि न्यायालय के आदेश की अवहेलना, गुंडागर्दी, और अराजकता को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
धार्मिक अपील
मौलाना शहाबुद्दीन बरेलवी ने स्थानीय मुसलमानों से अपील की कि वे संयम और शांति बनाए रखें। उन्होंने कहा कि पथराव और तोड़फोड़ करना अनुचित है और अमन-शांति बनाए रखना पैगंबर इस्लाम की शिक्षा है। उनका विश्वास है कि जामा मस्जिद का मामला कोर्ट में हल होगा।
बीजेपी का बयान
बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि कानून और न्याय व्यवस्था में विश्वास होना चाहिए। उन्होंने इसे मुगल शासनकाल से जोड़ते हुए कहा कि विरोध प्रदर्शन के बजाय कानूनी प्रक्रिया का पालन करना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि जामा मस्जिद का सर्वे और उससे उपजे तनाव ने कानून-व्यवस्था के समक्ष चुनौती खड़ी की है। प्रशासन ने स्थिति पर काबू पाने का दावा किया है, लेकिन इस घटना ने धार्मिक और राजनीतिक संवाद को एक बार फिर चर्चा में ला दिया है।