वाराणसी की जिला अदालत ने बुधवार को ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यास जी के तहखाने में हिंदुओं को पूजा-पाठ करने का अधिकार देने का आदेश सुनाया था। कोर्ट के इस फैसले के बाद ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में पहली बार पूजा हुई जिसका वीडियो भी सामने आया है। तहखाने को खोलकर बुधवार देर रात उसकी साफ सफाई की गई और फिर वहां पूजा की गई है। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है।
Puja started at gyanvyapi pic.twitter.com/ZjcWYnklCG
— Vishnu Shankar Jain (@Vishnu_Jain1) February 1, 2024
ज्ञानवापी परिसर के व्यास जी के तहखाने में पूजा पाठ के बाद मुस्लिम पक्ष की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। ज्ञानवापी में नमाज अदा करने के बाद बाहर निकले मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट के फैसले पर नाराजगी जताई है। मुस्लिम पक्ष के वादी मुख्तार ने व्यास जी के तहखाने में पूजा का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि अन्य पड़े मुकदमों में कोई तत्परता नहीं लेकिन इस मामले में बिना किसी सबूत के आदेश दे दिया गया। इसके साथ ही मुख्तार बोले ने कहा कि देर रात पूजा-पाठ भी शुरू कर दिया गया, यह कहां का नियम है।
वहीं, वाराणसी के विवादित ज्ञानवापी परिसर में व्यास जी के तहखाने में पूजा अर्चना शुरू किए जाने को लेकर मस्जिद की इंतजामिया कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। मस्जिद की इंतजामिया कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर जिला जज वाराणसी के फैसले को चुनौती दी है।
वाराणसी कोर्ट के फैसले को लेकर हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने बताया था कि दालत ने तहखाने में पूजा पाठ करने का अधिकार व्यास जी के नाती शैलेन्द्र पाठक को दे दिया है। इसके साथ ही जिला न्यायाधीश ने इस आदेश में जिलाधिकारी को निर्देशित करते हुए साफ कहा है कि वादी शैलेन्द्र व्यास तथा काशी विश्वनाथ ट्रस्ट द्वारा तय किये गए पुजारी से ज्ञानवापी परिसर के व्यास जी के तहखाने में स्थित मूर्तियों की पूजा और राग-भोग कराए जाने की व्यवस्था सात दिन के भीतर कराई जाए।