राजस्थान राज्य के पर्यटन राज्य मंत्री मुरारी लाल मीणा ने मंगलवार 18 जुलाई को विधानसभा में कहा कि सामोद वीर हनुमान मंदिर में रोप-वे के संचालक द्वारा शर्तों की पालना नहीं करने के कारण इसके संचालन को बंद किया गया है। उन्होंने बताया कि आवेदक को सामोद वीर हनुमान मंदिर में रोप वे लगाने के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र सशर्त दिया गया था। आवेदक द्वारा प्रदूषण नियंत्रण मंडल, वन विभाग, पर्यटन विभाग व अन्य संबंधित विभागों से अनापत्ति प्रमाणपत्र लिये बिना ही रोप वे शुरू किए जाने के कारण रोप-वे के संचालन पर रोक लगाई गई है।
पर्यटन राज्य मंत्री ने प्रश्नकाल के दौरान इस संबंध में सदस्यों द्वारा पूछे गये पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा कि पेसेंजर रोप-वे का संचालन दक्ष व्यक्ति द्वारा किया जाना व रोप-वे की सुरक्षा तथा सार संभाल सुनिश्चित करने संबंधी शर्तों तथा तकनीकी स्वीकृतियां तथा अन्य संबंधित विभागों की सहमतियां आवेदक द्वारा स्वयं के स्तर पर लेने की शर्तों पर जिला कलक्टर द्वारा आवेदक को रोप—वे संचालन की अनुमति प्रदान की गई थी। उन्होंने बताया कि आवेदक द्वारा शर्तों की पालना नहीं किये जाने के कारण रोप-वे के संचालन को रोकने का निर्णय लिया गया है।
इस संबंध में हस्तक्षेप करते हुए विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी ने कहा कि रोप-वे में आने वाली भूमि वन भूमि के रूप में दर्ज होने के कारण केन्द्र सरकार से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया जाना आवश्यक है। उन्होंने सुझाव दिया कि प्रतिपक्ष के सदस्यों द्वारा इस संबंध में केन्द्र सरकार से आग्रह किया जाना चाहिये।
इससे पहले पर्यटन मंत्री ने विधायक रामलाल शर्मा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि आवेदक वीर हनुमान जी मंदिर ट्रस्ट, नांगल भरड़ा, तहसील चौमू, जिला जयपुर के प्रार्थना पत्र पर अनुज्ञापन प्राधिकारी (जिला कलक्टर जयपुर) द्वारा वीर हनुमान जी मंदिर में पेसेन्जर रोप-वे लगाने के लिए 1 जून 2015 को सशर्त अनुमति प्रदान की गयी। उन्होंने बताया कि तदुपरान्त अनुज्ञापन प्राधिकारी द्वारा रोप-वे संचालन हेतु 17 मई 2019 को सशर्त अनापत्ति जारी की गयी। उन्होंने सशर्त अनुमति एवं अनापत्ति की प्रतियां सदन के पटल पर रखीं।
मीणा ने बताया कि आवेदक द्वारा सशर्त अनापत्ति की शर्तों की पालना नहीं की गई तथा राजस्थान रज्जू मार्ग अधिनियम, 1996 की धारा 13 में विहित मुख्य निरीक्षक, रोपवेज की रिपोर्ट के बिना ही रोप-वे का संचालन प्रारंभ कर दिया गया। उन्होंने कहा कि अनुज्ञापन प्राधिकारी (जिला कलक्टर जयपुर) के द्वारा 27 जून 2019 को नोटिस जारी कर उक्त रोप-वे का संचालन रोक दिया गया।
उन्होंने बताया कि उक्त रोप-वे के संबंध में वन क्षेत्र में रोप-वे संचालन के संबंध में जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति की बैठक 1 नवम्बर 2022 में लिए गए निर्णयानुसार उक्त रोप-वे की प्रस्तावित भूमि का भाग जो कि वन विभाग के रेकॉर्ड में दर्ज है, का विधिवत प्रत्यावर्तन कराये जाने के लिए आवेदक को निर्देशित किया। प्रकरण में अग्रिम कार्यवाही उक्तानुसार वन भूमि के प्रत्यावर्तन के पश्चात ही की जायेगी।