अदालतप्रयागराज

वाराणसी से पीएम मोदी के चुनाव के विरुद्ध याचिका, 18 अक्टूबर को मामले की सुनवाई

विजय नंदन नामक व्यक्ति, जिन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव को चुनौती देते हुए एक याचिका दाखिल की थी, को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कानूनी सलाह लेने के लिए समय दिया है। कोर्ट ने याचिका दाखिल करने में हुई देरी पर एक शपथ पत्र भी मांगा है। अब इस मामले की सुनवाई 18 अक्टूबर को होगी। यह आदेश शुक्रवार को न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह की एकल पीठ ने दिया।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनावी लाभ पहुंचाने के लिए उनके नामांकन पत्र को खारिज कर दिया था। चुनाव याचिका में मांग की गई थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चुनाव रद्द किया जाए, याचिकाकर्ता के नामांकन को वैध घोषित किया जाए और वाराणसी सीट पर पुनः चुनाव कराया जाए। इसके अलावा, उचित मुआवजे की मांग और रिटर्निंग अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की भी अपील की गई थी।
सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने पाया कि चुनाव याचिका पहली बार 3 सितंबर को प्रस्तुत की गई थी। रिपोर्टिंग सेक्शन ने निर्धारित समय सीमा के 19 दिन बाद रिपोर्ट दाखिल की है। हालांकि, देरी के लिए एक आवेदन भी प्रस्तुत किया गया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से यह भी पूछा कि क्या वह इस मामले में कानूनी सलाह लेना चाहता है या समय लेना चाहता है। याचिकाकर्ता ने समय मांगा।
इस पर, कोर्ट ने याचिका को 18 अक्टूबर को सूचीबद्ध करने का आदेश दिया। याचिकाकर्ता मध्य प्रदेश के सिवनी जिले का निवासी है। उन्होंने पिछले लोकसभा चुनावों में वाराणसी से नामांकन पत्र दाखिल किया था। लेकिन, उनका नामांकन बिना किसी कारण खारिज कर दिया गया। इसके आधार पर उन्होंने चुनाव याचिका दाखिल की, जिसमें जिला निर्वाचन अधिकारी, वाराणसी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्य चुनाव आयोग को प्रतिवादी बनाया गया।

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