जयपुरप्रशासन

Rajasthan: कुल जल संग्रहण क्षमता का 59.71 फीसदी पानी आया, 114 बांध पूरे भरे, प्रदेश में 18 जुलाई तक औसत से 72 फीसदी अधिक वर्षा हुई

राजस्थान में छोटे-बड़े बांधों एवं एनीकट की कुल जल संग्रहण क्षमता 12,580.03 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) के मुकाबले 18 जुलाई तक 7,512.03 एमसीएम (59.71 प्रतिशत) जल संग्रहण हो चुका है। 18 जुलाई तक 288.55 एमएम वर्षा हो चुकी है जो कि इस समय तक होने वाली औसत 167 एमएम बारिश से 72 प्रतिशत अधिक है। माउंट आबू में इस वर्ष की सर्वाधिक 1418 एमएम वर्षा रिकॉर्ड की गई है। मानसून की एक दिन में अधिकतम 530 एमएम बारिश पाली जिले के मुथाना में हुई। प्रदेश के कुल 690 बांधों में से 114 बांध या तो पूरी तरह से भर चुके हैं अथवा ओवरफ्लो हो रहे हैं, 278 बांध ऐसे हैं जिनमें 4.25 एमसीएम से अधिक पानी की आवक हो चुकी है।
राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव जल संसाधन एवं आईजीएनपी डॉ सुबोध अग्रवाल की अध्यक्षता में शुक्रवार 21 जुलाई को आईजीएनपी बिल्डिंग के कॉन्फ्रेंस हॉल में हुई समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी गई। बैठक में बाढ की स्थिति की तैयारियों के बारे में बताया गया कि सभी 33 जिलों एवं 54 प्रमुख बांधों पर बाढ नियंत्रण कक्ष स्थापित हैं। घग्घर नदी कैचमेंट एरिया में अत्यधिक वर्षा के कारण पानी की अधिकता को देखते हुए हनुमानगढ़ से निकलने वाली नाली बेड, घग्घर डायवर्जन एवं इंदिरा गांधी नहर फीडर में आनुपातिक जल प्रवाह सुनिश्चित किया जा रहा है। प्रदेश भर में बाढ़ की किसी भी संभावित स्थिति से निपटने के लिए जल संसाधन विभाग ने सभी आवश्यक तैयारियां कर ली हैं। घग्घर डायवर्जन चौनल में 21 जुलाई को 14 हजार 500 क्यूसेक पानी प्रवाहित किया गया। इसी प्रकार नाली बेड में 6,300 तथा इंदिरा गांधी नहर फीडर में 4,286 क्यूसेक पानी प्रवाहित किया गया। 15 जुलाई से क्रमबद्ध रूप से पूरी एहतियात के साथ पानी के प्रवाह की मात्रा बढ़ाई जा रही है। घग्घर डायवर्जन चौनल एवं नाली बेड में पूरे प्रवाह के साथ पानी बह रहा है। बैठक में बताया गया कि आईजीएनपी से बूम एस्केवेटर मशीन एवं इसके संचालन के लिए 9 ऑपरेटर भेजे गए हैं। एसीई, विजिलेंस एवं रेगुलेशन (बीकानेर) को भी हनुमानगढ़ भेजा गया है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने सिंचाई विभाग, पुलिस, जिला प्रशासन एवं आपदा नियंत्रण विभाग सहित स्थानीय निकायों से समन्वय स्थापित करने को कहा तथा मुख्य अभियंता (उत्तर), जल संसाधन, हनुमानगढ़ अमरजीत सिंह को फील्ड में रहकर पर्याप्त मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने कोटा, उदयपुर, बांसवाड़ा एवं अन्य संभागों में बांधों में अचानक पानी की आवक एवं बाढ़ की स्थिति में राहत एवं बचाव की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए। साथ ही, सभी मुख्य अभियंताओं को कहा कि किसी भी तरह के संसाधनों की आवश्यकता होने पर मुख्यालय को तुरंत अवगत कराएं।
डॉ अग्रवाल ने चिन्हित बांधों को पर्यटन की दृष्टि से ईको एडवेंचर ट्यूरिज्म सेंटर के रूप में डवलप करने के लिए पर्यटन विभाग को जल संसाधन विभाग की ओर से एनओसी देने से पहले यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि इस तरह की गतिविधियों के लिए संबंधित स्ट्रक्चर सुरक्षित हों, सुरक्षा के पर्याप्त मापदंड हों और साथ ही वहां लाइफ जैकेट, नावें, गोताखोर सहित आपात स्थिति में बचाव के अन्य जरूरी संसाधन उपलब्ध हों।
बजट घोषणाओं की पेंडेंसी 31 जुलाई तक क्लियर करें
समीक्षा बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री की बजट घोषणाओं को टॉप प्रायोरिटी पर रखते हुए पेंडेंसी जुलाई के अंत तक क्लियर करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी मुख्य अभियंताओं को बजट घोषणाओं की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति समय पर निकालने, निविदा आमंत्रित करने एवं कार्यादेश आदि शीघ्र करते हुए इन घोषणाओं को धरातल पर लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसमें कोताही बरतने वाले अभियंताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। कोटा संभाग में छह बजट घोषणाओं के लंबित होने को लेकर उन्होंने मुख्य अभियंता, कोटा राजेंद्र कुमार पारीक को लापरवाही नहीं बरतने के निर्देश दिए। साथ ही, जयपुर, बांसवाड़ा, जोधपुर एवं उदयपुर के मुख्य अभियंताओं को भी पेंडेंसी क्लियर करने को कहा।
बैठक में मुख्य अभियंता एवं अतिरिक्त सचिव जल संसाधन भुवन भास्कर, वित्तीय सलाहकार जल संसाधन शिल्पी कौशिक, मुख्य अभियंता सीएडी संदीप माथुर, मुख्य अभियंता क्वालिटी कंट्रोल डीआर मीना, मुख्य अभियंता रिवर बेसिन विनोद चौधरी, मुख्य अभियंता आईजीएनपी असीम मार्कण्डेय, सचिव इंदिरा गांधी नहर बोर्ड जितेन्द्र दीक्षित, मुख्य अभियंता जल संसाधन कोटा, जोधपुर, उदयपुर, अतिरिक्त मुख्य अभियंताओं सहित अधीक्षण अभियंता भी वीसी के माध्यम से जुड़े।

Related posts

पेपरलीक मास्टरमाइंड भूपेंद्र सारण के बंगले के अवैध निर्माण को जेडीए ने चलाया बुलडोजर

admin

गौरक्षा (Cow protection)की दुहाई देने वाली पार्टी के बोर्ड ने उदयपुर में 227 गायों को मरने के लिए जंगल में छोड़ा, परिवहन मंत्री खाचरियावास ने कहा सरकार कराएगी मामले की जांच

admin

पेट्रोलियम अन्वेषण कार्य में लाई जाएगी तेजी

admin