जयपुर

जब-जब राजे (Vasundhara Raje) ने आवाज उठाई, सरकार (government) हरकत में आई

प्रदेश की कांग्रेस सरकार वसुंधरा को मानती है जनता की आवाज!

जयपुर। राजस्थान में भाजपा और कांग्रेस में चल रही उठापटक के बीच पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje)के दो बयानों की सियासी गलियारों में चर्चा चल रही है। इन दोनों बयानों के बाद प्रदेश की कांग्रेस सरकार (government) हरकत में आ गई है। तो क्या कांग्रेस सरकार पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को जनता की आवाज मानती है? आखिर यह कैसा जादू है? क्या इस जादू का मजा आगे आने वाले दिनों में मिलेगा।

राजे ने हाल ही मे दृव्यवती रिवर फ्रंट को लेकर बयान दिया था। इस बयान के आते ही परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास एक्टिव हो गए। खाचरियावास ने शुक्रवार को दृव्यवती रिवर फ्रंट का दौरा किया और जेडीए अधिकारियों को रिवर फ्रंट का अधूरा पड़ा काम पूरा करने के निर्देश दिए। रिवर फ्रंट का काफी बड़ा इलाका खाचरियावास के क्षेत्र में आता है।

खाचरियावास ने जेडीए के अधिकारियों को निर्देश दिया कि नदी का काम करने वाली टाटा कंसल्टेंसी के खिलाफ कार्रवाई की जाए और नदी के अधूरे पड़े कार्यों को पूरा किया जाए। उन्होंने सुंदर नगर व मजार डैम क्षेत्र का दौरा किया और सुंदरनगर को जोड़ने वाले रास्ते पर पुलिया निर्माण के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि रिवर फ्रंट के आस-पास बसी कॉलोनियों में सीवर लाइन डालने का काम जेडीए का है और वह इसे निगम पर टालने की कोशिश नहीं करे। दोनों एजेंसियां आपसी सहमति से कॉलोनियों में विकास कार्य कराए।

सियासी गलियारों में राजे द्वारा सरकार पर कानून व्यवस्था को लेकर किए गए हमले की भी चर्चा हो रही है। राजे ने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा कि अपराध के मामले में राजस्थान पहले पायदान पर आ गया है। राज्य सरकार आमजन को सुरक्षा नहीं दे पा रही है। स्थिति यह है कि बेटियों को खुद की इज्जत बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। जनता को अपराधियों से लड़ना पड़ रहा है।

कहा जा रहा है कि राजे के इस बयान के बाद शुक्रवार को गृह विभाग ने राजस्थान पुलिस सेवा के अधिकारियों की दो सूची जारी कर 17 एएसपी के तबादले कर दिए। वहीं 6 एएसपी के पूर्व में हुए तबादलों को निरस्त कर दिया गया। उल्लेखनीय है कि गृह विभाग का जिम्मा खुद मुख्यमंत्री गहलोत के पास है। हैरानी की बात यह है कि भाजपा के अन्य नेता भी गाहे-बगाहे कानून व्यवस्था का मामला उठाते रहते हैं। विधानसभा में भी इस मुद्दे को उठाया गया, लेकिन सरकार ने इनकी मांग पर कभी ध्यान नहीं दिया।

कुछ समय पूर्व हाड़ौती संभाग में भारी बारिश से हालात काफी बिगड़ गए थे। उस समय भी राजे ने यहां का दौरा किया और किसानों की फसलों को हुए नुकसान का मामला उठाया था। तब भी राजे के दौरे के बाद ही गहलोत सरकार ने गिरदावरी के आदेश जारी किए थे।

सियासी हलकों में चर्चा है कि पंजाब में नेतृत्व परिवर्तन के बाद अब कांग्रेस आलाकमान का राजस्थान पर फोकस बताया जा रहा है। सचिन पायलट का दिल्ली में राहुल गांधी से दूसरी बार मिलना। सचिन पायलट और सीपी जोशी के बीच लंबी मंत्रणा के बाद कहा जा रहा है कि जब-जब गहलोत सरकार पर संकट आता है, पूर्व मुख्यमंत्री राजे अचानक से चर्चा में आ जाती है। तो क्या एक बार फिर गहलोत-राजे सियासी अटूट जोड़ सामने आने वाला है।

Related posts

मुख्यमंत्री के सपने थे, प्लेन क्रेश हो गया, नीचे आ गए

admin

राजस्थान राज्य खान एवं खनिज लिमिटेड (Rajasthan State Mines and Minerals Limited) सीएसआर (Corporate Social Responsibility) फंड से प्रतिभावान खिलाड़ियों को गोद (Adopt) ले: मुख्य सचिव

admin

भारतीय संस्कृति में देह की नहीं ध्येय की सुंदरता का महत्व -संत विजय कौशल, राजभवन में दिव्य रामकथा का दूसरा दिन

admin