एक बारिश ने खोली स्मार्ट सिटी के दावों की पोल
बारिश का मौसम शुरू होते ही जयपुर में पर्यटकों की भीड़ उमडऩे लगी है। यदि आप भी वर्ल्ड हैरिटेज सिटी (world heritage city) जयपुर घूमने आना चाहते हैं, तो जरा संभलकर आएं, क्योंकि यहां यूनेस्को की गाइडलाइन और प्राचीन निर्माण पद्धतियों की धज्जियां उड़ाकर संरक्षण कार्य कराए जा रहे हैं, जो कभी भी पर्यटकों (tourists) की जान का जोखिम बन सकता है।
परकोटे में काम कर रही जयपुर स्मार्ट सिटी कंपनी के काम की पोल एक ही बारिश के दौर ने खोल दी है। रविवार को जौहारी बाजार (johai bazar)में एक दुकान का प्लास्टर खरीदारी कर रहे पर्यटक पर आ गिरा। जौहरी बाजार व्यापार मंडल के महामंत्री कैलाश मित्तल ने बताया कि रविवार दोपहर दुकान नम्बर 22 के बाहर बरामदे का प्लास्टर अचानक भरभराकर गिर पड़ा, जिससे नीचे खरीदारी कर रहा एक हरियाणा का पर्यटक घायल हो गया। प्लास्टर पर्यटक के पांव पर गिरा, जिससे उसका पैर फ्रेक्चर हो गया। उसके साथी उसे तुरंत अस्पताल लेकर चले गए।
मित्तल ने बताया कि स्मार्ट सिटी के घटिया कार्य के चलते व्यापारियों की जान और माल को खतरा पैदा हो चुका है। बाजार में खरीदारी करने आने वाले ग्राहकों और पर्यटकों पर भी संकट छाया हुआ है। बरामदा टपकने के कारण कल ही दुकान नम्बर 114 के बाहर शार्ट सर्किट से बिजली के तारों में आग लग गई थी।
यहां भी सभी दुकानों के बरामदों में पानी टपक रहा है और कारण वही है, कि ऊपर डाला गया दड़ फट गया और बरामदे में नीचे प्लास्टर नहीं कराया गया। इससे पूर्व भी त्रिपोलिया बाजार में चार दुकानों के बरामदे धराशायी हो गए थे। ऐसे में व्यापार मंडल ने निर्णय लिया है कि सोमवार को स्मार्ट सिटी के अधिकारियों और ठेकेदार के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज कराया जाएगा।
नगर निगम हैरिटेज वार्ड 74 की पार्षद कुसुम यादव ने बताया कि जौहरी बाजार में करीब एक वर्ष पहले स्मार्ट सिटी की ओर से बरामदों की मरम्मत का कार्य शुरू कराया गया था। इस दौरान कंपनी के अधिकारियों ने बाजार की आधी दुकानों के बरामदों के ऊपर दड़ का काम कराया है। बरामदों में नीचे की मरम्मत नहीं कराई गई है। यादव ने कहा कि स्मार्ट सिटी के काम में मिलीभगत का खेल चल रहा है और घटिया जीर्णोद्धार कार्य कराया जा रहा है। यह कार्य दो-चार साल भी टिक जाए तो बड़ी बात है। घटिया सामग्री की वजह से बरामदों का पूरा दड़ फट गया और अब बारिश में बरामदों से पानी का झरना बह रहा है।
दूसरी ओर स्मार्ट सिटी के अधिशाषी अभियंता नरेंद्र गुप्ता का कहना है कि जहां प्लास्टर गिरा है, वहां हमने काम नहीं किया है। वहां ऊपर सीमेंट की छत है और बारिश का पानी भरा हुआ है, जिससे सीलन आकर प्लास्टर गिरा है। जिस दुकान के बाहर शॉर्ट सर्किट से आग लगी थी, वहां भी दुकानदार की गलती से यह हादसा हुआ था।