अब यह खबर पुरानी हो चुकी है कि टाइटैनिक का मलबा देखने गई टाइटटन पनडुब्बी समुद्र में डूब चुकी है। और, इस पनडुब्बी में सवार पाकिस्तानी अरबपति सहित सभी लोगों की मौत की भी पुष्टि हो चुकी है। फिलहाल किसी का शव बरामद नहीं किया जा सका है। अलबत्ता पनडुब्बी का मलबा कनाडा की एक रिमोटली ऑपरेटेड यूएवी ने बरामद कर लिया। यह मलबा टाइटैनिक के पास ही पड़ा हुआ था।
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All five people onboard on #Submersible are all very sadly died, #OceanGate confirms. This video shows how the accident happened with the submarine. ????#Titanic #Titan pic.twitter.com/W82X9OawuD— WOLF™? (@thepakwolf) June 22, 2023
टाइटन पनडुब्बी को ऑपरेट करने वाली कंपनी ओशनगेट ने आधिकारिक तौर पर घोषणा करते हुए कहा, उनका मानना है कि चालक दल से पांच सदस्य दुखद रूप से खो गए हैं। इस हादसे में ओशनगेट कंपनी के संस्थापक और सीईओ भी शामिल हैं।
ओशनगेट कंपनी ने क्या कहा
ओशनगेट ने बयान जारी करते हुए कहा कि अब हम मानते हैं कि हमने हमारे सीईओ स्टॉकटन रश, शहजादा दाऊद और उनके बेटे सुलेमान दाऊद, हामिश हार्डिंग और पॉल-हेनरी नार्जियोलेट को खो दिया गया है। बयान में आगे कहा गया है कि ये लोग सच्चे खोजकर्ता थे, जिनमें रोमांच की एक अलग भावना और दुनिया के महासागरों की खोज और सुरक्षा के लिए गहरा जुनून था। इस दुखद समय में हमारे दिल इन पांच आत्माओं और उनके परिवारों के प्रत्येक सदस्य के साथ हैं। हम उनके द्वारा जान-पहचान वाले सभी लोगों के लिए लाए गए जीवन और खुशी के नुकसान पर शोक व्यक्त करते हैं।
पनडुब्बी में कौन-कौन था सवार
टाइटन पनडुब्बी रविवार को भारतीय समयानुसार शाम सात बजे के आसपास समुद्र में लापता हो गई थी। इस पनडुब्बी में पाकिस्तानी अरबपति शहजादा दाऊद, उनके बेटे सुलेमान दाऊद, हामिश हार्डिंग, पॉल-हेनरी नार्जियोलेट और ओशनगेट के सीईओ स्टॉकटन रश सवार थे। इनसे संपर्क टूटने के बाद से ही उत्तरी अटलांटिक महासागर के 300 मील के दायरे में खोज अभियान चलाया जा रहा था। इसमें अमेरिका और कनाडा की नौसेना के अलावा कई प्राइवेट एजेंसियां भी शामिल थीं। इस पनडुब्बी में 96 घंटे का ऑक्सीजन होने का दावा किया जा रहा था, हालांकि विशेषज्ञों को इस दावे पर शुरू से ही शक था।
ऐसे डूबी टाइटन पनडुब्बी
मलबे के शुरुआती विश्लेषण से पता चला है कि टाइटन पनडुब्बी विस्फोट के कारण डूब गई थी। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि विस्फोट इसके उपकरणों या ऑक्सीजन टैंक में हो सकता है। यह पनडुब्बी 4000 मीटर की गहराई तक गोता लगाने में सक्षम थी। इतनी गहराई पर दबाव सतह से 296 गुना ज्यादा होता है। अगर पनडुब्बी बहुत तेजी से नीचे जाए, तब भी विस्फोट की परिस्थिति बन सकती है। ओशनगेट ने भी कहा है कि वह मलबे का विस्तृत विश्लेषण करने के बाद ही दुर्घटना के कारणों का खुलासा कर सकेगी।