जयपुरताज़ा समाचार

स्वयं को किसान नेता (farmer leader ) कहने वाले योगेंद्र यादव (Yogendra Yadav) ने राजस्थान सरकार (Raj govt) को बताया घोटालेबाज, बाजरे (millet) की खरीद में 3200 करोड़ के घोटाले का लगाया आरोप

स्वयं को किसान नेता (farmer leader ) कहने वाले देश के प्रमुख राजनीतिक विश्लेषक योगेंद्र यादव (Yogendra Yadav) ने राजस्थान की कांग्रेस सरकार (Raj govt) पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर फसल की खरीद में अब तक  3200 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया है। जयपुर के पिंकसिटी प्रेस क्लब में एक पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि  केंद्र सरकार की ओर से बाजरा (millet) का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2250 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है किंतु राजस्थान की मंडियों में किसान 1400-1500 रुपये प्रति क्विंटल में अपना बाजरा बेचने को मजबूर हैं।

स्वराज इंडिया के अध्यक्ष और जय किसान आंदोलन के संस्थापक सदस्य योगेन्द्र यादव ने कहा कि राजस्थान में न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर लूट चल रही है और इस लूट के लिए केन्द्र और राज्य सरकार दोनों ही पूरी तरह जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि पूरे देश में बाजरे की लगभग आधी पैदावार करीब 4 करोड़ क्विंटल बाजरा केवल राजस्थान में पैदा होता है। बाजरा का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2250 रुपये प्रति क्विंटल है किंतु राजस्थान की मंडियों में इसकी कीमत 1400-1500 रुपये प्रति क्विंटल ही अदा की जा रही है।  यादव ने तो यहां तक कहा कि बीते चार वर्षों के दौरान 4 साल में राजस्थान में बाजरे की खरीद एक क्विंटल भी नहीं हो पाई है। बाजरा की फसले खरीद को लेकर राजस्थान के किसानो के साथ करीब 3200 करोड़ रुपये की लूट हुई है।

यादव ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर से मांग की है कि 2250 रुपये के तय न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बाजरा की सरकारी खरीद तत्काल शुरू की जाये। यादव ने कहा कि देश में तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ और एमएसपी की कानूनी गारंटी के लिए किसान आंदोलन चलाया जा रहा है। कांग्रेस और राजस्थान की कांग्रेस सरकार किसान आंदोलन के समर्थन में समय-समय पर बयान भी देती रही है किंतु वर्तमान स्थितियों में भी राज्य सरकार राजस्थान के सबसे कमजोर बाजरा किसान को मंडी में लुटने से नहीं बचा पाती है, तो यह किसानों के समर्थन में दिये मुख्यमंत्री गहलोत बयानों पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करेगा।

यादव ने गहलोत को लिखे पत्र में लिखा है कि राजस्थान के पड़ोसी राज्य हरियाणा में देश की कुल पैदावार का केवल 10 फीसदी ही बाजरा पैदा होता है किंतु वहां बाजरा खरीद की थोड़ी बहुत व्यवस्था है किंतु राजस्थान सरकार की ओर से बाजरे की किसी सरकारी खरीद की व्यवस्था नहीं होना बहुत दुर्भाग्य की बात है। जिसके चलते राजस्थान का किसान हरियाणा जाकर अपनी फसल बेचने की कोशिश करता है। इस साल भी यही हालात हैं। बाजार में बाजरा आना शुरू हो चुका है,लेकिन सरकार ने बाजरा खरीद की कोई घोषणा नहीं की है।

Related posts

विदेशों से प्रवासी राजस्थानियों का आना जारी

admin

नगर निगम ग्रेटर और सरकार के बीच लंबी सियासी लड़ाई के बाद निगम ग्रेटर को विकास कार्यों के लिए मिले 23 करोड़

admin

मंत्रिमंडल पुनर्गठन (cabinet reorganization) में दिखा ओवैसी फैक्टर (Owaisi Factor)का गहरा असर, गहलोत (Gehlot) ने 2023 चुनावों के लिए अपने मोहरे बिठाकर की व्यूहरचना (Strategy)

admin