जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य सेवा में चयनित प्रोबेशनर ट्रेनी कार्मिकों एवं अधिकारियों को प्रोबेशन अवधि के दौरान उच्च अध्ययन अथवा प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए असाधारण अवकाश की स्वीकृति देने का निर्णय लिया है। इसके लिए शीघ्र ही असाधारण अवकाश की स्वीकृति के नियमों में संशोधन किया जाएगा।
गहलोत ने इस संबंध में वित्त विभाग से प्राप्त प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है। प्रस्ताव के अनुसार यदि कोई प्रोबेशनर राजकीय सेवा में नियुक्ति से पहले किसी उच्च अध्ययन कोर्स में अध्ययनरत है, तो उसे कोर्स पूरा करने के लिए असाधारण अवकाश दिया जा सकेगा। प्रोबेशनर को नियुक्ति के बाद आगामी दिनों में होने वाली प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए भी असाधारण अवकाश की स्वीकृति दी जा सकेगी।
वर्तमान में राज्य सरकार की विभिन्न सेवाओं में नियुक्ति के बाद प्रोबेशनर ट्रेनी को उच्च अध्ययन अथवा प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए असाधारण अवकाश देय नहीं है, जिसके चलते नवनियुक्त युवा कार्मिक कठिनाई का अनुभव करते रहे हैं और विभिन्न प्रशासनिक विभागों एवं कर्मचारियों द्वारा इस नियम पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता जाहिर की गई है।
नए प्रस्ताव के अनुसार, प्रोबेशन के दौरान असाधारण अवकाश स्वीकृत होने पर प्रोबेशनर ट्रेनी की प्रोबेशन अवधि का समय अवकाश अवधि के अनुरूप बढ़ जाएगा और किसी भी उद्देश्य के लिए इसकी गणना नहीं होगी। संशोधित नियमों के जारी होने से पूर्व प्राप्त हुए असाधारण अवकाश के आवेदनों पर भी नए आदेश के अनुसार विचार किया जा सकेगा। इस निर्णय से नवनियुक्त युवा कार्मिकों को राजकीय सेवा में रहते हुए उच्च अध्ययन तथा अन्य उच्च सेवाओंं के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी का लाभ मिल सकेगा।