नगर निगम हेरिटेज अभी बॉयलॉज ही तैयार नहीं कर पाई, डेमोलेशन प्लान बना नहीं, तो कैसे चलेगा बुलडोजर
जयपुर। वर्ल्ड हेरिटेज सिटी की हकीकत और सरकार द्वारा अभी तक किए गए कार्य व दावों की सत्यता जांचने आए विशेषज्ञों का सामने पहले ही दिन अवैध निर्माणों से हो गया। हालांकि कई अवैध निर्माण पुराने हैं, लेकिन इन निर्माणों को देखकर हेरिटेज विशेषज्ञों के मुंह से निकल ही गया कि जब तक परकोटे के अवैध निर्माणों पर बुलडोजर नहीं चलेगा, तब तक किसी को हेरिटेज सिटी का महत्व समझ नहीं आएगा।
यूनेस्को दल की नजरों से वह अवैध निर्माण छिपाए नहीं छिप सके, जो शहर के प्राचीन स्थापत्य को बिगाड़ रहे हैं। विशेषज्ञों ने प्राचीन इमारतों के बीच बन गए कॉम्पलेक्सों और मकानों पर भी अचरज जताया, जो इन इमारतों से काफी ऊंचे दिखाई दे रहे थे और शहर की स्काई लाइन बिगाड़ रहे थे। ऐसे में विशेषज्ञों में शहर की इमारतों में एकरूपता लाने के लिए ऊंचे बने निर्माणों को बुलडोज करने की चर्चा चल रही है। कहा जा रहा है यूनेस्को विशेषज्ञ परकोटे में अवैध निर्माणों को हटाने के लिए सरकार को चेतावनी दे सकती है।
यूनेस्को कुछ भी कर ले, नहीं हटेंगे अतिक्रमण
निगम सूत्रों का कहना है कि यूनेस्को परकोटे की प्राचीन इमारतों के बीच से अतिक्रमणों को हटाने के लिए कुछ भी चेतावनी दे-दे, लेकिन परकोटे के अतिक्रमण हट नहीं सकते हैं, क्योंकि तो सरकार और ही नगर निगम अतिक्रमणों के खिलाफ कार्रवाई करने को तैयार नहीं है, क्योंकि यह अतिक्रमण राजनीतिक पहुंच वाले लोगों के है। यूनेस्को की गाइडलाइन के अनुसार प्राचीन शहर में से अतिक्रमण हटाने के लिए एक पूरी कार्ययोजना होनी चाहिए। अतिक्रमण इस प्रकार हटाए जाने चाहिए कि उससे प्राचीन निर्माणों को किसी प्रकार क्षति नहीं पहुंचे, लेकिन नगर निगम हेरिटेज अभी तक न तो यूनेस्को की गाइडलाइन के अनुरूप बॉयलॉज बना पाया है और न ही उसकी ओर से यूनेस्को में अभी तक अवैध निर्माणों को हटाने के लिए डिमोलेशन प्लान पेश किया गया है। ऐसे में अवैध निर्माणों पर दशकों तक कार्रवाई होती संभव नहीं दिखाई देती है।
विशेषज्ञ पता करेंगे कि सरकार ने कुछ किया या नहीं
राजधानी के परकोटा शहर को वर्ल्ड हेरिटेज सिटी का दर्जा दिए जाने के बाद पहली बार यूनेस्को की ओर से यहां सरकार द्वारा किए गए वादों की हकीकत जानने के लिए नौ दिनी कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इन नौ दिनों में हर रोज अलग-अलग विषयों पर यूनेस्को के विशेषज्ञों की नगर निगम हेरिटेज के अधिकारियों से चर्चा होगी और हर रोज दौरा करके वर्ल्ड हेरिटेज सिटी की वर्तमान हकीकत की जांच की जाएगी और पता किया जाएगा कि सरकार ने कुछ किया भी है या नहीं।
वर्कशॉप के पहले दिन यूनेस्को के विशेषज्ञों ने चौकड़ी मोदीखाना का दौरा किया और वहां की हकीकत जानी। निगम सूत्रों के अनुसार पहले दिन यूनेस्को के विशेषज्ञों का फोकस वर्ल्ड हेरिटेज सिटी में अतिक्रमणों पर रहा। दौरे और चर्चा के बाद सामने आया कि परकोटा शहर में अतिक्रमण बेलगाम बढ़ रहा है। यूनेस्को दल ने इस संबंध में निगम अधिकारियों से नवीन निर्माण की स्वीकृतियों और अवैध निर्माणों को हटाने की प्रक्रिया की भी जानकारी ली। इस दौरान वर्ल्ड हेरिटेज सिटी के लिए अलग से बनाए गए बॉयलॉज पर भी जानकारी मांगी। जानकारी के अनुसार नौ दिनों तक चलने वाली वर्कशॉप और दौरों के निष्कर्श के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार कर राजस्थान सरकार को भेजी जाएगी और बताया जाएगा कि उसे भविष्य में क्या-क्या काम कैसे-कैसे करने हैं।