जयपुर

आइंस्टीन के बाद अब धारीवाल के दिमाग पर होगा शोध!

राठौड़ ने धारीवाल से मांगा ‘शीश का दान ‘, शोध करके पता लगाया जाना चाहिए कि उनके पास आखिर इतनी बुद्धि और सामथ्र्य आया कहां से

जयपुर। कहा-सुना जाता है कि विश्व के प्रसिद्ध वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन के निधन के बाद उनका दिमाग शोध के लिए सुरक्षित रख लिया गया। और बाद में उसपर शोध की गई थी, लेकिन अब राजस्थान के स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल के दिमाग को सुरक्षित रखने की मांग उठी है। विधानसभा में शनिवार को उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने मंत्री शांति धारीवाल पर चुटकी लेते हुए उनसे ‘शीश का दान’ देने का आग्रह कर दिया। हालांकि इससे पूर्व उन्होंने धारीवाल की लंबी उम्र के लिए भगवान से भी प्रार्थना कर दी।

राठौड़ ने विधानसभा में धारीवाल से चुटकी लेते हुए कहा कि आप दुनिया छोडऩे से पहले अपना शीश का दान कर देना, आपकी ही बुद्धि और सामथ्र्य है कि इतने संक्षिप्त सत्र में 9 बिल लेकर आ गए। राठौड़ ने धारीवाल की तुलना महाभारत में धृतराष्ट्र के सारथी संजय से भी की और कहा कि हर बात का जवाब है शांतिलाल के पास। राठौड़ ने लाल और कुमार को लेकर भी चुटकी ली।

उल्लेखनीय है कि विधानसभा के संक्षिप्त सत्र में राज्य सरकार ने 9 विधेयक पास कराने का बीड़ा उठा रखा है और मुख्यमंत्री गहलोत स्वास्थ्य कारणों की वजह से विधानसभा नहीं आ रहे हैं। सदन में सत्ता पक्ष की ओर से फ्लोर मैनेजमेंट और विपक्ष के सवालों का जवाब देने का पूरा जिम्मा यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के पास है।

इसी को लेकर उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल की तारीफ की कि, वे धारीवाल के बुद्धि और सामथ्र्य को धन्य मानते हैं। इतने छोटे समय के लिए बुलाये गए विधानसभा सत्र में भी आपने 9 विधेयक सदन के पटल पर रख दिए। राठौड़ ने कहा कि इस दुनिया में जो आता है, उसको एक ना एक दिन दुनिया छोड़ कर जाना भी होता है। जब आप इस दुनिया से रुखसत होने लगो, तो उससे पहले अपने शीश का दान भी कर देना। राठौड़ ने कहा कि ऐसे शीश का शोध करके यह पता लगाया जाना चाहिए कि इतनी बुद्धि और सामथ्र्य कहां से आया। मंत्री धारीवाल के बारे में लोगों को पता चलना चाहिए कि इस सदन में भी महाभारत काल के संजय जैसा एक व्यक्ति था, जिसे सभी विभागों के बारे में जानकारी थी। किस तरह एक मंत्री बिना तर्क के ही विधेयक पर हुई बहस का जवाब भी दे दिया करते थ। यह तभी संभव होगा, जबकि धारीवाल अपने शीश के दान की घोषणा करेंं।

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