नयी दिल्ली। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उस दावे को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह का निमंत्रण दिलाने के लिए उन्हें अमेरिका भेजा था। जयशंकर ने इस बयान को “झूठ” करार देते हुए स्पष्ट किया कि दिसंबर 2024 में उनका अमेरिका दौरा बाइडेन प्रशासन के साथ राजनयिक चर्चाओं के लिए हुआ था।
जयशंकर ने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने दिसंबर 2024 में मेरी अमेरिका यात्रा को लेकर जानबूझकर झूठ बोला। मैं वहां बाइडेन प्रशासन के विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) से मिलने गया था। इसके अलावा, मैं वहां हमारे महावाणिज्य दूतों (Consuls General) की एक बैठक की अध्यक्षता करने के लिए भी गया था। मेरे प्रवास के दौरान, नव-निर्वाचित NSA-डिज़ाइनेट (NSA-designate) ने भी मुझसे मुलाकात की।”
जयशंकर ने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को आमंत्रण दिलाने को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई थी और उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री ऐसे आयोजनों में शामिल नहीं होते। उन्होंने कहा, “यह सर्वविदित है कि हमारे प्रधानमंत्री ऐसे आयोजनों में भाग नहीं लेते। वास्तव में, भारत आमतौर पर विशेष दूतों (Special Envoys) के माध्यम से प्रतिनिधित्व करता है।” उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी का यह झूठ “राजनीतिक मकसद से हो सकता है, लेकिन इससे विदेशों में देश की छवि को नुकसान पहुंचता है।”
जयशंकर की यह प्रतिक्रिया तब आई जब राहुल गांधी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए आरोप लगाया कि विदेश मंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी के लिए निमंत्रण सुनिश्चित करने के मकसद से कई बार अमेरिका की यात्रा की। गांधी ने कहा, “जब हम अमेरिका से बात करते हैं, तो हम अपने विदेश मंत्री को तीन-चार बार प्रधानमंत्री के लिए निमंत्रण लाने नहीं भेजते।” उन्होंने इस बयान को सरकार की आर्थिक नीतियों से जोड़ते हुए प्रस्तुत किया।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी राहुल गांधी के दावे का खंडन करते हुए उन्हें चुनौती दी कि वे अपने आरोपों के समर्थन में प्रमाण पेश करें। रिजिजू ने कहा, “विपक्ष के नेता इतने गंभीर और बेबुनियाद बयान नहीं दे सकते। यह दो देशों के संबंधों से जुड़ा मामला है।” उन्होंने आगे कहा कि “राहुल गांधी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उनके इस दावे का स्रोत क्या है।”