जयपुर

एसीबी महानिदेश के आदेश पर मुख्यमंत्री और मंत्री में विरोधाभास, गहलोत बोले-जयपुर जाकर इस आदेश का रिव्यू करा लूंगा

मंत्री खाचरियावास ने कहा 4 साल में किए काम पर पानी फेरने वाला आर्डर है, इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे

जयपुर। भ्रष्टाचार का दोष सिद्ध होने से पूर्व पकड़े गए अधिकारियों की पहचान उजागर नहीं करने के एसीबी महानिदेशक के नए आदेश पर इन दिनों हंगाम मचा हुआ है। इस आदेश के चलते मुख्यमंत्री और मंत्री खाचरियावास के बीच भी विरोधाभास सामने आया है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उदयपुर में पत्रकारों से बात करते हुए इस मामले पर कहा कि एसीबी की ओर से जारी किए गए आदेश का रिव्यू किया जाएगा। इसमें यदि कुछ गलत हुआ तो आदेश को वापस ले लिया जाएगा। गहलोत ने कहा कि एसीबी की ओर से जारी किया गया आदेश सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार प्रतीत होता है। इस आदेश से मीडिया पर कोई बंदिश नहीं होगी। हमारी सरकार जीरो टालरेंस की नीति के साथ भ्रष्ट लोगों पर कार्रवाई करेगी। इतना ही नहीं आने वाले दिनों में भ्रष्टाचारियों पर ज्यादा कार्रवाई देखने को मिलेगी।

गहलोत ने कहा कि आदेश किस रूप में जारी हुआ है, जयपुर जाकर इसका रिव्यू करा लूंगा, लेकिन जहां तक जानकारी मिली है कि सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने फैसला दिया है, जिसमें कहा गया है कि एसीबी की ओर से की गई कार्रवाई के बाद जब तक दोष सिद्ध नहीं हो जाता तब तक आरोपी का नाम और पहचान ऑफिशियली तौर पर नहीं देना चाहिए। हम हर बात को लेकर सेंसेटिव हैं, लेकिन राजस्थान में एंटी करप्शन डिपार्टमेंट में जितना काम किया गया है, उतना देश कहीं नहीं हुआ। यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना में निकाला गया होगा। भाजपा नेताओं की बुद्धि उल्टी चलती है, इसलिए वह हर चीज का विरोध करते हैं।

अपराधियों पर दिया यह बड़ा बयान
इस दौरान गहलोत ने अपराधियों पर बड़ा बयान दिया और कहा कि मेरा बस चले तो रेप करने वाले और गैंगस्टर को खुले बाजार में बाल कटवाकर उनकी परेड निकलवाऊं, जिससे जनता के बीच मैसेज जाए और लोग देखें कि इस अपराधी ने बलात्कार किया है। इससे पहले पुलिस अपराधियों को हथकड़ी लगाकर ले जाती थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आदेश बदल दिया। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अपराधियों की बाजार में परेड भी नहीं निकाली जा सकती है।

अधिकारी सरकार के आदेशों से बंधे होते हैं, सरकार उनके आदेशों से बंधी हुई नहीं
वहीं दूसरी ओर मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने डीजी एसीबी के इस आदेश का विरोध करे हुए कहा कि भारतीय संविधान में आदेश वह होता है जो सरकार की तरफ से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जारी करते हैं। चार्ज लेते ही डीजी एंटी करप्शन ने जो आदेश निकाला है वह आर्डर रिजेक्ट होने वाला है। मैं उस आर्डर से सहमत नहीं हूं। कोई भी कांग्रेस का विधायक या मंत्री इस तरह की कार्रवाई का समर्थन नहीं करेगा। खुद मुख्यमंत्री गहलोत भी इस तरह से डीजी के आदेश को नहीं मान सकते हैं। सरकार इस तरह के आर्डर के साथ नहीं है। यह आर्डर बिलकुल गलत है। ऐसे आदेश बर्दाश्त नहीं किए जा सकते। इस तरह के आदेश यदि लागू होंगे तो सरकार के 4 साल के कार्यकाल में किए हुए काम पर पानी फिर जाएगा। अधिकारी सरकार के आदेशों से बंधे होते हैं, सरकार उनके आदेशों से बंधी हुई नहीं है। अगर उन्होंने गलत आदेश निकाला है, तो मुख्यमंत्री भी इस आर्डर के पक्ष में नहीं होंगे।

Related posts

वरिष्ठ कांग्रेसी नेता (Congress Leader) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के करीबी जितिन प्रसाद (Jitin Prasad) भाजपा में शामिल

admin

हड़ताल खत्म होते ही रोडवेज-प्राइवेट बस संचालक आमने-सामने

admin

गहलोत सरकार ने खोला राजनीतिक नियुक्तियों का पिटारा, दूसरी सूची जारी की, पायलट समर्थकों को मिले अहम पद

admin