जयपुर

छोटी—बड़ी चौपड़ से हटाए गए मंदिरों के पुन: निर्माण की उठ रही मांग

जयपुर। राजधानी जयपुर के परकोटा शहर में पिछली भाजपा सरकार द्वारा हिन्दु भावनाओं को दरकिनार कर मेट्रो निर्माण के लिए छोटी और बड़ी चौपड़ पर तोड़े गए मंदिरों के पुन: निर्माण की मांग उठने लगी है। छोटी—बड़ी चौपड़ मंदिर प्रकरण संघर्ष समिति की ओर से सोमवार को मंदिरों के पुन: निर्माण के लिए जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जाएगा।

समिति के संयोजक रणजीत मोदी ने बताया कि मेट्रो स्टेशनों के निर्माण के लिए छोटी और बड़ी चौपड़ से अस्थाई रूप से तोड़े गए मंदिरों को उनके मूल स्थान पर पुन: स्थापित कराना, इन मंदिरों के स्थानांतरण और पुन: निर्माण के लिए जिला प्रशासन की ओर से पूर्व में गठित की गई समितियों को भंग करवाए जाने और सभी मंदिरों का प्रबंधन देवस्थान विभाग को सौंपे जाने की उनकी प्रमुख मांगे हैं।

मोदी ने बताया कि छोटी चौपड़ से 6 मंदिरों और बड़ी चौपड़ से 7 मंदिरों को उनके मूल स्थान से हटाकर अस्थाई तौर पर त्रिपोलिया बाजार के पुराने आतिश मार्केट, तंवर जी का नोहरा और बड़ी चौपड़ के मंदिरों को माणक चौक के पीछे देवस्थान विभाग की मंदिर की जमीन पर अस्थाई तौर पर स्थापित किया गया था। सरकार ने निर्णय लिया था कि मेट्रो स्टोशनों के निर्माण के बाद इन सभी मंदिरों को उनके मूल स्थान पर पुन: स्थापित करा दिया जाएगा, लेकिन सरकार अभी तक सिर्फ छोटी चौपड़ पर रोजगारेश्वर मंदिर को ही पुन: स्थापित करा पाई है, शेष मंदिरों के मूल स्थान पर पुन: स्थापन के लिए सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है, ऐसे में समिति की ओर से जिला प्रशासन को इस संबंध में ज्ञापन सौंपे जाने का निर्णय लिया गया है।

Related posts

रीट पेपर लीक के छींटे गहलोत पर, इसलिए सराकर कराए सीबीआई जांच — कटारिया

admin

आखरी क्षण तक इंतजार: तीसरे मोर्चे की भाजपा-कांग्रेस की रणनीति में सेंध की तैयारी

Clearnews

नागौर के मूंडवा में अम्बुजा सीमेंट के नये प्लांट का उद्घाटन (New plant of Ambuja Cement in Mundwa) : इस मौके पर मुख्यमंत्री गहलोत (CM Gehlot) बोले, प्राकृतिक संसाधनों (Natural resources) के संतुलित दोहन (Balanced exploitation) से बदल सकती है प्रदेश की तस्वीर (picture of the state)

admin