800 वर्गगज वनभूमि पर दो मकानों का हो रहा था निर्माण, अधिकारियों ने आरसीसी डाल रही मशीन को जप्त किया
जयपुर। एनजीटी में मामला लंबित होने के बादवजूद राजधानी का नाहरगढ़ वन्यजीव अभ्यारण्य अतिक्रमियों के निशाने पर है। यहां लगातार अभ्यारण्य भूमि पर अतिक्रमण किया जा रहा है। शनिवार को भी यहां करीब 800 वर्गगज जमीन अतिक्रमण कर दो मकानों का निर्माण किया जा रहा था। रेंज अधिकारियों को जब इसकी सूचना मिली तो उन्होंने मौके पर पहुंचकर निर्माण कार्य रुकवाया और आरसीसी डाल रही मशीन को जप्त कर लिया।
नाहरगढ़ रेंज के सहायक वन संरक्षक जीएस जैदी ने बताया कि माउंट रोड पर बंगाली बाबा के आश्रम के पास अभ्यारण्य की जमीन पर अतिक्रमण की शिकायत मिली थी। इस पर वह मौके पर पहुंचे तो पाया कि यहां दो मकानों का निर्माण किया जा रहा था। एक मकान में आरसीसी की छत डाली जा रही थी, तो दूसरे मकान में नींव निर्माण का कार्य चल रहा था।
अभ्यारण्य की जमीन पर अवैध अतिक्रमण के चलते उन्होंने अपने मातहत अधिकारियों को मौके पर बुलाया और दोनों मकानों के निर्माणकार्य को रुकवाया और आरसीसी डाल रही मशीन को जप्त कराया। जप्त मशीन को रेंज के काला महादेव नाके पर भिजवा दिया गया। साथ ही एसीएफ ने रेंजर नितिन शर्मा व फोरेस्टर को अतिक्रमियों के खिलाफ वन एवं वन्यजीव अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।
शहर से सटा होने के कारण अतिक्रमण की भरमार
नाहरगढ़ वन्यजीव अभ्यारण्य शहर से सटा हुआ है, जिसके चलते इसकी बेशकीमती जमीनों पर अतिक्रमियों की हमेशा नजर रहती है। यहां पर वन भूमि पर अतिक्रमणों की भरमार है। आवासीय के साथ-साथ होटल, रिसोर्ट जैसी वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए भी यहां धड़ल्ले से अतिक्रमण होता रहा है।
संसाधनों की कमी से नहीं हो पाती निगरानी
सूत्रों का कहना है कि नाहरगढ़ अभ्यारण्य नाहरगढ़ रेंज के अधीन आता है और इस रेंज में संसाधनों की भारी कमी है। इसी का फायदा उठाकर यहां अतिक्रमणों की भरमार है। रेंज में क्षेत्रीय वन संरक्षक के अलावा किसी भी अधिकारी को वाहन उपलब्ध नहीं कराए गए हैं, जिसके चलते अभ्यारण्य की पूरी और सही निगरानी नहीं हो पाती है। पूरा अभ्यारण्य की निगरानी फोरेस्टर की मोटरसाइकिल के भरोसे रहती है। ऐसे में सोचा जा सकता है कि प्रदेश की राजधानी के अभ्यारण्य का यह हाल है, तो फिर प्रदेशभर के अभ्यारण्यों का क्या हाल होगा।
फील्ड अधिकारियो की लापरवाही तो नहीं?
वन विभाग के सूत्रों का कहना है कि अभ्यारण्य में बढ़ते अतिक्रमण का कारण रेंज के फील्ड अधिकारियों की लापरवाही और मिलीभगत भी हो सकती है। इन अतिक्रमणों की कुछ दिनों पूर्व ही सूचना मिल गई थी, लेकिन फील्ड अधिकारियों की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। ऐसे में एसीएफ को मौके पर आना पड़ा और काम बंद कराकर कार्रवाई के निर्देश देने पड़े। इससे पूर्व भी माउंट रोड पर ही एक बेशकीमती वन भूमि पर अतिक्रमण हटाने के एसीएफ कोर्ट ने फैसला दिया था, लेकिन यह अतिक्रमण आज दिन तक वन विभाग को मुंह चिढ़ा रहा है। फील्ड अधिकारियों की ओर से अभी तक इस अतिक्रमण को हटाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई