राजनीति

डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा को लेकर सियासी अटकलें बढ़ीं, उनके निशाने पर हैं उनके विरोधी

जयपुर। राजस्थान के दौसा उपचुनाव में मिली हार के बाद मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने अपने विरोधियों पर तीखा हमला बोलना शुरू कर दिया है। कभी जयचंदों का जिक्र करते हुए, तो कभी सूरज, चांद और सितारों के प्रतीकों का इस्तेमाल कर वे सियासी माहौल गर्म कर रहे हैं। इसी बीच, दौसा विधानसभा सीट से हारने वाले जगमोहन मीणा ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “डॉक्टर साहब (किरोड़ी लाल मीणा) का स्वभाव सभी जानते हैं। वह किसी से डरने वाले नहीं हैं। जिन्होंने विश्वासघात किया है, उनके खिलाफ वे खुलकर बोलेंगे।” उन्होंने किरोड़ी के बयान को दोहराते हुए कहा, “उनके सामने बड़े-बड़े कांपते हैं, तो सूरज, चांद और सितारों की क्या बिसात?”
जगमोहन का यह बयान सियासी अटकलों को और हवा दे रहा है कि किरोड़ी लाल मीणा निकट भविष्य में कोई बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर रहे हैं।
किरोड़ी जल्द करेंगे बड़ा खुलासा?
दौसा में हार के बाद किरोड़ी लाल मीणा न केवल व्यथित हैं, बल्कि अपने विरोधियों पर तीखे हमले भी कर रहे हैं। जगमोहन ने भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “डॉक्टर साहब किसी से नहीं डरते, चाहे वह अपना हो या कोई और। अगले दो-चार दिनों में वे कुछ बड़ा खुलासा करेंगे।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि जयचंद और सूरज, चांद, सितारे किसे कहा जा रहा है, इसका जल्द खुलासा होगा।
जगमोहन ने हार का कारण ईर्ष्या और नफरत से प्रेरित वोटिंग को बताया। उन्होंने कहा, “मेरे खिलाफ षड्यंत्र रचा गया, जिससे ऐसा माहौल बना।”
दारू बांटकर माहौल बिगाड़ा गया:
मीडिया से बातचीत में जगमोहन मीणा ने अपनी हार के लिए विरोधियों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “मैं एक सीधा-साधा व्यक्ति हूं, राजनीति की चालों और कुटिलता को समझ नहीं पाया, इसलिए हार गया।” उन्होंने पूर्वी राजस्थान के नेताओं पर आरोप लगाया कि उन्होंने दारू बांट-बांटकर जनता को भ्रष्ट कर दिया। उन्होंने कहा, “पहले नेता प्रचार के दौरान जेब में चने लेकर चलते थे, लेकिन अब उन्होंने जनता को लालच और भ्रष्टाचार की ओर धकेल दिया है। ऐसे लोगों को सबक सिखाना चाहिए।”
किरोड़ी के तेवर और सियासी उबाल:
दौसा उपचुनाव के बाद किरोड़ी लाल मीणा के बयानों और एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) से जुड़ी टिप्पणियों ने सियासत में हलचल पैदा कर दी है। सियासी गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि क्या किरोड़ी फिर से बगावत की राह पर हैं? उन्होंने राइजिंग राजस्थान समिट से पहले एसीबी की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए, जिससे सियासी संदेह गहराने लगा है।
किरोड़ी के “जयचंदों और सूरज, चांद, सितारे” वाले बयान ने राजनीतिक तापमान और बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि अगले तीन-चार दिनों में वे सबूतों के साथ मीडिया के सामने अपनी बात रखेंगे। ऐसे में अटकलें तेज हैं कि उनके अगले कदम से राज्य की राजनीति में बड़ा भूचाल आ सकता है।

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