राजनीति

दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ लगाने के बाद राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग उठी तो चंद घंटों में हटाया यह काला कानून..!

सियोल। बुधवार सुबह प्रदर्शनकारियों ने दक्षिण कोरिया की नेशनल असेंबली के बाहर इकट्ठा होकर राष्ट्रपति यून सुक-योल के इस्तीफे की मांग की। राष्ट्रपति योन ने देश में मार्शल लॉ लागू किया था, जिसे कुछ घंटों बाद ही रद्द कर दिया गया। ट्रेड यूनियन के सदस्य और विपक्षी पार्टियां राष्ट्रपति योन से पद छोड़ने की मांग कर रही हैं।
दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति योन सुक-योल द्वारा अचानक लागू किया गया मार्शल लॉ संसद के 190 सांसदों द्वारा इसे खारिज किए जाने के बाद समाप्त हो गया। मार्शल लॉ लागू होने के दो घंटे के भीतर ही सांसदों ने राष्ट्रपति के फैसले का विरोध करते हुए नेशनल असेंबली में एकत्र होकर इसे रोकने के लिए मतदान किया।
रिपोर्ट्स के अनुसार, मंगलवार को राष्ट्रपति यून सुक-योल द्वारा “आपातकालीन मार्शल लॉ” की घोषणा के कुछ घंटे बाद ही सैन्य बल संसद भवन में प्रवेश करने की कोशिश करते दिखे। योन ने यह घोषणा बिना किसी पूर्व सूचना के एक टेलीविजन संबोधन में की थी। उन्होंने विपक्ष पर “उत्तर कोरिया के प्रति सहानुभूति” और “राज्य विरोधी गतिविधियों से सरकार को पंगु बनाने” का आरोप लगाया। लाइव टीवी फुटेज में सैनिकों को, जिन्हें कथित तौर पर कानून लागू करने का आदेश दिया गया था, असेंबली बिल्डिंग में घुसने की कोशिश करते देखा गया। विपक्षी नेताओं और संसदीय सहायक कर्मचारियों को उन्हें रोकने के लिए अग्निशामक यंत्रों का उपयोग करते हुए भी देखा गया।
संसद ने मार्शल लॉ को खारिज किया: योन की घोषणा के कुछ घंटों बाद संसद ने मार्शल लॉ को खारिज करने के लिए मतदान किया। नेशनल असेंबली के अध्यक्ष वू वोन शीक ने इसे अमान्य घोषित कर दिया। उन्होंने कहा, “सांसद जनता के साथ मिलकर लोकतंत्र की रक्षा करेंगे,” और पुलिस व सैन्य कर्मियों से असेंबली परिसर से हटने का आग्रह किया। एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार, दक्षिण कोरिया के संविधान के तहत राष्ट्रपति द्वारा घोषित मार्शल लॉ को कैबिनेट की समीक्षा और नेशनल असेंबली को सूचित करना आवश्यक है। संसद के बहुमत से इसे हटाने की मांग करने पर राष्ट्रपति को इसका पालन करना पड़ता है।
मार्शल लॉ और राष्ट्रपति योन का कदम क्यों: मार्शल लॉ का उद्देश्य दक्षिण कोरिया की नागरिक सरकार को हटाकर सैन्य शासन स्थापित करना है। इसके तहत नागरिक कानूनी प्रक्रियाएं निलंबित कर दी जाती हैं और मानक नागरिक स्वतंत्रताओं को रोक दिया जाता है। इस साल की शुरुआत में हुए नेशनल असेंबली चुनावों में विपक्ष को भारी बहुमत मिला था। हाल के हफ्तों में, राष्ट्रपति योन की कंजरवेटिव पीपल पावर पार्टी और लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के बीच अगले वर्ष के बजट बिल को लेकर गतिरोध बना हुआ था। इसके अलावा, विपक्ष ने तीन शीर्ष अभियोजकों को महाभियोग के लिए भी आगे बढ़ाया, जिसके चलते योन ने मार्शल लॉ लागू करने का निर्णय लिया।

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