जयपुर। वन मंत्री हेमा राम चौधरी ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि वर्ष 2020 में मुकुन्दरा हिल्स टाईगर रिजर्व में हुई बाघों की मृत्यु के संबंध में राज्य सरकार द्वारा जांच की गई। उन्होंने बताया कि प्राप्त जांच रिपार्ट में बाघ परियोजनाओ के प्रबंधन को सुदृढ करने के लिए दिये गये सुझावों का परीक्षण एक टास्क फोर्स द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बाघ संरक्षण एवं संवंर्धन के लिए एक रणनीति पत्र तैयार किया जाकर राज्य सरकार से स्वीकृत हो चुका है और क्रियान्वयन किया जा रहा है। उन्होंने बाघों की सुरक्षा के लिए किए जाने वाले उपायों के बारे में भी सदन को विस्तार से बताया।
चौधरी ने प्रश्नकाल के दौरान विधायक सतीश पूनियां के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि रणथम्भौर टाईगर रिजर्व वन क्षेत्र में बाघों के लापता व गुमशुदगी, अवैध शिकार व क्षेत्राधिकार को लेकर आपसी टकराव तथा इनसे मौत होने के प्रकरणों में जांच भारत सरकार द्वारा 13 मार्च 2020 को गठित समिति द्वारा की जा रही है जिसकी रिपार्ट अपेक्षित है।
उन्होंने रणथम्भौर अभयारण्य, सरिस्का अभयारण्य एवं मुकुन्दरा हिल्स राष्ट्रीय उद्यान आदि वन्य क्षेत्रों से बाघों के लापता व गुमशुदगी, अवैध शिकार व क्षेत्राधिकार को लेकर आपसी टकराव तथा मौते होने का वर्षवार विवरण की विस्तृत जानकारी दी।
वन मंत्री ने रणथम्भौर अभयारण्य, सरिस्का टाईगर रिजर्व एवं मुकुन्दरा हिल्स राष्ट्रीय उद्यान आदि वन क्षेत्रों में बाघों की वर्तमान स्थिति का विवरण देते हुए बताया कि रणथम्भौर टाईगर रिजर्व की वर्ष 1973 में स्थापना के बाद वर्तमान में बाघों की संख्या अधिकतम है। रणथम्भौर टाईगर रिजर्व व समीपस्थ क्षेंत्रों में बाघों व उनके शावकों की संख्या वर्ष 2019 में 66, वर्ष 2020 में 68 व वर्ष 2021 में 81 हो गयी है। वर्तमान में नर एवं मादा बाघ का अनुपात भी 1ः1.3 है जो असामान्य है। वर्तमान में 32 मादा बाघिनों में से अधिकांश प्रजनन आयु में है, जिसके कारण नये शावकों के जन्म में भी वृद्धि हुई है। वर्ष 2019 से 2021 के बीच 44 शावकों का जन्म हुआ है।
सरिस्का टाईगर रिजर्व में बाघों की वर्तमान स्थिति की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि सरिस्का टाईगर रिजर्व में वर्तमान में 25 बाघ हैं। वर्ष 2019 में 16 बाघ, 2020 में 23 बाघ व 2021 में 25 बाघ रहे। वर्तमान में नर एवं मादा बाघ का अनुपात यहां भी 1ः1.22 है जो असामान्य है। वर्ष 2019 से 2021 के बीच 9 शावकों का जन्म हुआ है। उन्होंने मुकन्दरा हिल्स टाईगर रिजर्व में बाघों की वर्तमान स्थिति पर विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि मुकन्दरा हिल्स टाईगर रिजर्व में वर्तमान में 1 बाघिन है। वर्ष 2019 में 4 बाघ, 2020 में 1 बाघ व 2021 में 1 बाघ रहे। इस अंतराल में यहां 2 बाघ व 1 बाघिन की मृत्यु हुई और 2019 से 2021 के बीच 3 शावकों का जन्म हुआ है।
चौधरी ने बताया कि रणथम्भौर टाईगर रिजर्व व समीपस्थ क्षेत्रों में बाघों की संख्या व घनत्व अधिक हो जाने के कारण वहां बाघों के लापता व गुमशुदगी, क्षेत्राधिकार को लेकर आपसी टकराव तथा मौतें होने के प्रकरणों की संख्या अधिक है। रणथम्भौर टाईगर रिजर्व में वर्ष 2006 से 2014 तक भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून द्वारा किये गये 1 शोध में यह उल्लेख किया गया कि रणथम्भौर टाईगर रिजर्व के रणथम्भौर नेशनल पार्क एवं सवाई मानसिंह अभ्यारण्य क्षेत्र में टाईगर घनत्व केरिंग केपेसिटी के बराबर पहुंच चुका है। शोध के समय रणथम्भौर टाईगर रिजर्व प्रथम के क्षेत्र में 43 व्यस्क बाघ थे जबकि वर्तमान में बढकर 23 नर एवं 30 मादा कुल 53 वयस्क बाघ हो गये है। उन्होंने बाघों के लापता व गुमशुदगी, अवैध शिकार व क्षेत्राधिकार को लेकर आपसी टकराव तथा मौतों का विश्लेषण और बाघों के पलायन की स्थिति की भी विस्तार से जानकारी भी दी।