राजनीति

महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव: राहुल नार्वेकर निर्विरोध चुने जाएंगे, जानें उनकी राजनीतिक यात्रा

मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा में अध्यक्ष पद के लिए राहुल नार्वेकर का चुनाव सोमवार, 9 दिसंबर 2024, को मात्र औपचारिकता रह गया है। ढाई साल से इस पद पर कार्यरत रहे नार्वेकर ने रविवार को नामांकन दाखिल किया। विपक्ष ने अध्यक्ष पद के लिए किसी उम्मीदवार को नामांकित नहीं किया, जिससे उनका निर्विरोध चुना जाना तय है।
राहुल नार्वेकर का नामांकन और महायुति का समर्थन
राहुल नार्वेकर ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, अजित पवार और अन्य वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में अपना नामांकन दाखिल किया। उन्होंने बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और फडणवीस का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पार्टी हमेशा योग्यता को महत्व देती है और युवाओं को आगे बढ़ने का मौका देती है।
विपक्ष ने उपाध्यक्ष पद की मांग की
महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के नेताओं ने रविवार को फडणवीस से मुलाकात कर विपक्ष को विधानसभा उपाध्यक्ष पद देने की मांग की। उद्धव ठाकरे गुट के विधायक भास्कर जाधव ने कहा कि विपक्ष अध्यक्ष पद के लिए चुनाव को निर्विरोध रहने देगा, बशर्ते उपाध्यक्ष पद विपक्षी गठबंधन के किसी सदस्य को दिया जाए।
राहुल नार्वेकर की राजनीतिक यात्रा
1. प्रारंभिक पृष्ठभूमि
o राहुल नार्वेकर का परिवार राजनीति से जुड़ा रहा है। उनके पिता सुरेश नार्वेकर कोलाबा के नगर पार्षद थे। उनके भाई और भाभी भी राजनीतिक पदों पर कार्यरत हैं।
2. राजनीतिक सफर
o शिवसेना से शुरुआत: नार्वेकर ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत शिवसेना के प्रवक्ता के रूप में की थी।
o एनसीपी में प्रवेश: शिवसेना छोड़कर वे एनसीपी में शामिल हुए और मावल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए।
o बीजेपी में शामिल: 2019 में वे बीजेपी में आए और उसी वर्ष कोलाबा विधानसभा सीट से चुनाव जीता।
o अध्यक्ष पद पर नियुक्ति: उद्धव ठाकरे सरकार गिरने के बाद, शिंदे सरकार के दौरान उन्हें विधानसभा अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
कार्यकाल के दौरान उल्लेखनीय फैसले
• नार्वेकर का अध्यक्ष के रूप में कार्यकाल चर्चा का विषय रहा।
• उन्होंने विधायकों की अयोग्यता से जुड़े मामलों में निर्णय देते हुए शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित पवार गुट) को असली पार्टी माना, लेकिन किसी विधायक को अयोग्य नहीं ठहराया।
विधानसभा चुनाव 2024 में जीत
• कोलाबा विधानसभा सीट से उन्होंने 48,581 मतों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की।
• उनका लगातार दूसरी बार विधानसभा अध्यक्ष बनना, महायुति के समर्थन से संभव हुआ।
राहुल नार्वेकर की विचारधारा और बयान
नार्वेकर ने विपक्ष पर लोकतंत्र में विश्वास न रखने का आरोप लगाया। उन्होंने ईवीएम पर सवाल उठाने वाले विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जब वे चुनाव जीतते हैं, तो ईवीएम पर कोई सवाल नहीं उठाते, लेकिन हारने पर इसे दोष देते हैं।
राहुल नार्वेकर का फिर से निर्विरोध विधानसभा अध्यक्ष बनना उनके राजनीतिक करियर की एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उनके कार्यकाल और नेतृत्व क्षमता ने उन्हें महाराष्ट्र की राजनीति में एक मजबूत चेहरा बनाया है।

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