जयपुर। पशुपालन विभाग की ओर से राज्य में शनिवार को ऊष्ट्र कल्याण शिविरों की शुरुआत हुई। विभागीय चिकित्सा टीमों ने रेबारियों के डेरों में पहुंचकर ऊंटों का परीक्षण कर उपचार किया। यह शिविर 26 फरवरी तक प्रत्येक शनिवार को पशु चिकित्सा संस्थाओं एवं ऊष्ट्र बाहुल्य क्षेत्रों में आयोजित होंगे।
यह जानकारी देते हुए पशुपालन मंत्री लालचन्द कटारिया ने बताया कि ऊंटों के डेरों और ऊष्ट्र बाहुल्य क्षेत्रों में शिविर लगाकर ऊंटों की चिकित्सा एवं स्वास्थ्य परीक्षण के साथ-साथ गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा। इन शिविरों के आयोजन के लिए आवश्यक औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए आज से शुरुआत की गई है। उन्होंने प्रदेश के सभी ऊंटपालकों से शिविरों में अधिकाधिक संख्या में भाग लेकर ऊंटों का स्वास्थ्य परीक्षण कराने का आह्वान किया है।
पशुपालन विभाग की शासन सचिव डॉ. आरुषी मलिक ने बताया कि कोविड 19 की गाइड गाइड की अनुपालना के साथ आयोजित हो रहे शिविरों में ऊंटों में पाए जाने वाले तिबरसा (सर्रा) रोग की जांच कर आवश्यक उपचार किया जाएगा। उन्होंने राज्य पशु ऊंट की घटती संख्या पर चिंता जताते हुए बताया कि इस समस्या को दूर करने के लिए समूचे प्रदेश में ऊष्ट्र कल्याण शिविर आयोजित कर ऊष्ट्र वंश की वृद्धि के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। पिछले साल रेबारियों के डेरों में जाकर ऊंटों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उपचार की पहल की गई थी, जो इस साल भी जारी रहेगी।
उल्लेखनीय है कि विभाग की ओर से गत वर्ष भी प्रदेश के ऊंट बाहुल्य क्षेत्रों मं 1155 शिविर लगाकर 48 हजार 705 ऊंटों का उपचार कर ऊंटपालकों को लाभान्वित किया गया था।