आलाकमान की मेहरबानी से पायलट मुख्यमंत्री बने, तो कौन—कौन मंत्री बनेंगे, अभी से खींचतान शुरू
खाचरियावास के घर जाकर पायलट ने की मुलाकात, राजपूत मंत्रियों की टेंशन बढ़ी
जयपुर। राजस्थान कांग्रेस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट खेमों के बीच पिछले पौने चार साल से चल रहे घमासान के बीच अब राजस्थान में कुछ बड़ा होने के कयास लगाए जा रहे हैं। आलाकमान की मेहरबानी से यदि सचिन पायलट मुख्यमंत्री बनते हैं, तो कौन—कौन मंत्री बनेगा, इसको लेकर भी घमासान शुरू हो चुका है। सोमवार रात सचिन पायलट ने मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास के बंगले पर पहुंचकर करीब सवा घंटे तक चर्चा की। लंबे समय बाद पायलट खाचरियावास के सरकारी बंगले पर पहुंचे, जहां दोनों के बीच सियासी मुद्दों पर लंबी चर्चा हुई और इसी के बाद से ही राजपूत मंत्रियों की टेंशन बढ़ चुकी है।
मुलाकात को लेकर मंत्री खाचरियावास ने कहा- मैं और पायलट विधानसभा में भी एक ही सोफा पर बैठते हैं। विधानसभा में जब बराबर बैठते हैं तो वहां भी बात होती रहती है। यह कहना गलत है कि हमारी आपस में चर्चा नहीं होती। अब पायलट घर आ गए तो इसमें नई बात नहीं है, विधानसभा में तो मिलते ही हैं वहां भी बात होती रहती है। पायलट आएंगे तो बातें तो होंगी ही,कोई भजन कीर्तन थोड़े ही करेंगे,सब बातें हुई हैं। लेकिन वे बताने की नहीं हैं।
राजनीतिक हलकों में इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि इस माहौल में सबसे ज्यादा टेंशन मंत्रियों को है कि पायलट मुख्यमंत्री बनेंगे तो कौन—कौन मंत्री रहेंगे और कौन—कौन हटेंगे। पायलट के खाचरियावास के घर जाने के बाद राजपूत समाज के मंत्रियों में थोड़ी गहमा—गहमी दिखाई दे रही है। इस मुलाकात के बाद माना जा रहा है कि खाचरियावास का मंत्री पद बरकरार रह सकता है।
राजपूत मंत्रियों में इस समय खाचरियावास के अलावा भंवर भाटी और राजेंद्र गुढ़ा मंत्री है, लेकिन कांग्रेस के सूत्र बताते हैं कि भंवर भाटी का भी पद बरकरार रह सकता है। संकट राजेंद्र गुढ़ा के पद पर आ सकता है और उनके स्थान पर गिर्राज मलिंगा को मंत्री पद दिया जा सकता है, क्योंकि मलिंगा गुढ़ से पहले पायलट गुट में आ चुके थे। गुढ़ा को मंत्री पद के बदले में कोई अन्य अहम नियुक्ति दी जा सकती है।