उदयपुर में छात्राओं के लिए बन रहा 7 मंजिला छात्रावास, इंडोर स्टेडियम, जिम, कोचिंग रूम सुविधा भी मिलेगी
जयपुर। राज्य सरकार प्रदेश के जनजाति क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इस दिशा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विभिन्न योजनाओं के लिए 14.80 करोड़ रुपए के अतिरिक्त वित्तीय प्रस्ताव का अनुमोदन किया है। इससे क्षेत्र में विद्यार्थियों के लिए छात्रावास, कक्षा कक्षों का निर्माण कराने सहित खेल सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
उदयपुर में 120 छात्राओं के लिए 7 मंजिला छात्रावास
गहलोत की इस स्वीकृति से उदयपुर के चित्रकूट नगर में 7 मंजिला छात्रावास (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस विद मॉडर्न फैसेलिटिज) तैयार होगा। इसमें 120 छात्राओं के लिए रहने की सुविधा होगी। यहां दो मंजिला बेसमेंट बनेंगे, जिनमें बास्केटबॉल, वॉलीबॉल एरिना, जिम की सुविधा मिलेगी। भूतल पर स्वागत कक्ष, प्रतीक्षा कक्ष और दो कमरे तैयार होंगे। द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ तल पर किचन और अन्य सुविधाएं होंगी। पांचवें से आठवें तल तक कमरे तैयार होंगे। साथ ही, यहां पर प्रतियोगी परीक्षाओं के साक्षात्कार देने के लिए गू्रमिंग रूम और वोकेशनल ट्रेनिंग रूम भी बनाए जा रहे हैं।
राजसमंद में 50 छात्र क्षमता का छात्रावास
इस राशि से राजसमंद के नाथूवास में 50 छात्र क्षमता के एक छात्रावास का निर्माण होगा। इसके लिए 2 करोड़ 80 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं। यहां अत्याधुनिक कोचिंग क्लास रूम भी तैयार हो रहे हैं। साथ ही, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित 175 जनजाति छात्रावासों में अतिरिक्त सुविधाएं भी बढ़ाई जाएंगी। इनके लिए 3 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया है।
विद्यालयों में बढ़ेंगे कक्षा कक्ष
जनजाति विकास कोष से जनजाति क्षेत्र के राजकीय विद्यालयों में 4 करोड़ रुपए की लागत से अतिरिक्त कक्षा कक्षों का निर्माण भी होगा। इससे विद्यालयों में कक्षों की कमी पूरी होगी। कक्षाओं का संचालन बेहतर तरीके से हो सकेगा। मुख्यमंत्री ने स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों की मांग के अनुसार प्रस्तावों का अनुमोदन किया।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2022-23 के बजट में 500 करोड़ रुपए के जनजाति विकास कोष का गठन किया गया था। इसमें 200 करोड़ रुपए रोजगारोन्मुखी गतिविधियों एवं कृषि के लिए, 150 करोड़ रुपए शिक्षा एवं सामाजिक सुरक्षा के लिए तथा 150 करोड़ रुपए आधारभूत संरचना एवं जनसहभागिता से कराए जाने वाले कार्यों के लिए प्रस्तावित हैं। गहलोत की इस स्वीकृति से जनजाति क्षेत्र का सर्वांगीण विकास होगा तथा स्थानीय निवासियों के जीवन स्तर में सुधार आएगा।