जयपुर। राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम को आवंटित केप्टिव कोल ब्लॉक से खनन प्रक्रिया आरम्भ करने हेतु आवश्यक स्वीकृतियों के मिलने में लगने वाले समय के मद्देनजर कोल आधारित 4340 मेगावाट क्षमता की इकाइयों हेतु कोयले की समुचित व्यवस्था करने के लिए डा. सुबोध अग्रवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव, ऊर्जा विभाग और आर के शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, उत्पादन निगम, राजस्थान ने कोयला मंत्रालय एवं ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार से ब्रिज लिंकेज के माध्यम से आवंटन हेतु कोयला आवंटित करने का निवेदन किया।
इस हेतु राजस्थान सरकार ने भी संभावित कोयले के संकट को ध्यान में रख एवं राज्य के बिजलीघरों में कोयले की सुचारु व्यवस्था बनाये रखने के लिए कोयला एवं खान मंत्री, कोयला मंत्रालय भारत सरकार से आग्रह किया था। संभावित कोल क्राइसिस के मद्देनजर ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने मार्च माह में ही दिल्ली जाकर ऊर्जा एवं कोल मंत्रालय, भारत सरकार के सम्बन्धित अधिकारियों से मुलाकात कर अतिशीघ्र ब्रिज लिंकेज हेतु आग्रह किया था।
राज्य सरकार के प्रयासों के फलस्वरूप ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार ने विद्युत उत्पादन निगम के निवेदन पर कोयले की व्यवस्था हेतु स्टैंडिंग लिंकेज कमेटी को उक्त समय के दौरान कोयले की व्यवस्था करने के लिए सिफारिश की।
मंगलवार को दिल्ली में वीके तिवारी अतिरिक्त सचिव, कोयला मंत्रालय, भारत सरकार की अध्यक्षता में आयोजित स्टैंडिंग लिंकेज कमेटी की मीटिंग संपन्न हुई जिसमें ऊर्जा मंत्रालय, नीति आयोग, सीईए एवं कोल् इंडिया के प्रतिनिधि सदस्य उपस्थित थे। इस बैठक में विद्युत उत्पादन निगम से आर के शर्मा सीएमडी एवं देवेंद्र श्रृंगी अतिरिक्त मुख्य अभियंता फ्यूल ने उपस्थित होकर राजस्थान में कोयले आधारित 4340 मेगावाट क्षमता की विद्युत् तापीय इकाइयों के लिए कोयले की आवश्यकता हेतु अपना पक्ष रखा तथा 2170 मेगावाट क्षमता की इकाइयों हेतु 1 वर्ष की अवधि के लिए ब्रिज लिंकेज के माध्यम से कोयला उपलब्ध कराने की औपचारिक सहमति प्राप्त करने में सफलता हासिल की । कोयला मंत्रालय, भारत सरकार के इस निर्णय से उत्पादन निगम को लगभग 6 से 7 रेक प्रतिदिन कोयले की आपूर्ति होने की सम्भावना है।