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राजस्थानः जल्द आ रही है मेडिकल वैल्यू ट्रेवल पॉलिसी, हितधारकों के साथ विस्तार से चर्चा..शुरू किये जाएंगे एमवीटी सेल और पोर्टल

जयपुर। राजस्थान सरकार जल्दी ही मेडिकल वैल्यू ट्रैवल पॉलिसी लेकर आ रही है। पॉलिसी को अंतिम रूप देने से पहले बुधवार को इससे संबंधित हितधारकों के साथ विस्तृत चर्चा की गई।
सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीष कुमार ने इस संदर्भ में कहा कि राजस्थान को मेडिकल ट्यूरिज्म के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए लगातार नीतिगत फैसले लिए जा रहे हैं। इस दिशा में जल्द ही मेडिकल वैल्यू ट्रैवल पॉलिसी लाई जाएगी। सभी हितधारकों के साथ चर्चा कर इसे अंतिम रूप दिया रहा है। उन्होंने कहा कि नीति के अनुरूप मेडिक वैल्यू ट्रेवल से संबंधित योजनाओं को धरातल पर लाने के लिए शीघ्र ही एमवीटी सेल बनाई जाएगी। साथ ही, एमवीटी पोर्टल भी शुरू किया जाएगा।
चिकित्सा शिक्षा सचिव ने कहा कि राजस्थान में चिकित्सा के क्षेत्र में आधारभूत ढांचे का तेजी से विकास किया जा रहा है। विश्व स्तरीय संस्थानों का निर्माण यहां हो रहा है। होलिस्टिक एप्रोच के साथ ऐलोपैथी एवं आयुष चिकित्सा तथा वैलनेस गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। राइजिंग राजस्थान के माध्यम से प्रदेश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश होने जा रहा है। ये सब ऐसे प्रयास हैं, जिनसे राजस्थान मेडिकल ट्यूरिज्म की दिशा में नई ऊंचाइयां छुएगा। मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना में भी पोर्टेबिलिटी का प्रावधान होने से मेडिकल वैल्यू ट्रैवल को बढ़ावा मिलेगा। गांव—गांव तक इस नीति का सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं का निरंतर उन्नयन होने एवं अन्य स्थानों की तुलना में गुणवत्तापूर्ण उपचार कम दरों पर मिलने के कारण प्रदेश में मेडिकल ट्यूरिज्म की संभावनाएं तेजी से विकसित हुई हैं। नीतिगत निर्णयों के माध्यम से राज्य सरकार इन संभावनाओं को और अधिक विस्तार देना चाहती है। इसी सोच के साथ मेडिकल वैल्यू ट्रैवल पॉलिसी लाई जा रही है। इससे स्वास्थ्य के क्षेत्र में निवेश एवं रोजगार के भी बडे़ अवसर सृजित होंगे। फार्मा, होटल व्यवसाय सहित अन्य उद्यमों को भी इससे बढ़ावा मिलेगा। अर्थव्यवस्था की मजबूती में भी इस क्षेत्र का बड़ा योगदान होगा।
चिकित्सा शिक्षा आयुक्त इकबाल खान ने पॉलिसी से संबंधित विभिन्न पक्षों पर चर्चा करते हुए कहा कि निजी चिकित्सा संस्थान इस पॉलिसी के माध्यम से अपनी सेवाओं का विस्तार कर प्रदेश में मेडिकल ट्यूरिज्म को बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। चिकित्सा क्षेत्र से जुडे़ विशेषज्ञों ने प्रदेश में मेडिकल ट्यूरिज्म बढ़ाने के लिए विभिन्न सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र के चिकित्सा संस्थानों को प्रोत्साहित करने के लिए नियमों को अधिक सुगम व निवेश अनुकूल बनाया जाए।
इस अवसर पर एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी, जोधपुर एम्स के प्रेसीडेंट डॉ. एसएस अग्रवाल, जेए्नयू अस्पताल, महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज, राजस्थान हॉस्पिटल, भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल, आईआईएचएमआर, ईटरनल हॉस्पिटल के प्रतिनिधियों सहित संबंधित विभागों के अधिकारी एवं विभिन्न निजी चिकित्सा संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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