धर्म

हरिद्वार में अनुमति नहीं मिलने के बाद अब यदि नरसिंहानंद ने किया प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान धर्म संसद आयोजित करने का निर्णय..!

नयी दिल्ली। स्वामी यति नरसिंहानंद ने हरिद्वार में धर्म संसद के आयोजन के लिए प्रशासन से अनुमति न मिलने के बाद अब प्रयागराज कुंभ में धर्म संसद आयोजित करने का निर्णय लिया है। इस घोषणा का अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी ने स्वागत किया और सनातन धर्म के लिए इस प्रयास में समर्थन का आश्वासन दिया।
हरिद्वार के जूना अखाड़े में 19 से 21 दिसंबर तक प्रस्तावित धर्म संसद के लिए प्रशासन से मंजूरी न मिलने पर स्वामी यति नरसिंहानंद ने पुलिस और प्रशासन के रवैये पर नाराजगी जताई। उन्होंने अधिकारियों पर धमकाने और आयोजन में बाधा डालने का आरोप लगाया। इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इस संबंध में शिकायत करते हुए पत्र लिखा।
खून से लिखा मुख्यमंत्री को पत्र
आयोजन में प्रशासनिक बाधाओं के चलते स्वामी यति नरसिंहानंद ने 21 दिसंबर को बगलामुखी यज्ञ की पूर्णाहुति के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को खून से पत्र लिखा। इस पत्र में उन्होंने हरिद्वार पुलिस प्रशासन के व्यवहार की आलोचना करते हुए अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
प्रधानमंत्री से बांग्लादेश में हिंदुओं के लिए हस्तक्षेप की अपील
हरिद्वार में धर्म संसद आयोजित करने की अनुमति न मिलने के बाद स्वामी ने प्रयागराज कुंभ में धर्म संसद आयोजित करने की घोषणा की। साथ ही, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की अपील की।
प्रशासनिक अड़चनों पर स्वामी की प्रतिक्रिया
स्वामी यति नरसिंहानंद ने यह भी स्पष्ट किया कि धर्म संसद की अनुमति रोकने में सुप्रीम कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने कहा कि बाधा केवल पुलिस प्रशासन द्वारा उत्पन्न की गई थी। इस कारण, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्रवाई को अनुचित बताते हुए अपनी प्रस्तावित पदयात्रा को रद्द कर दिया।

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