जयपुर। अधिवक्ता हंसराज मावलिया की आत्मदाह के बाद हुई मौत के खिलाफ शुक्रवार को जयपुर की सड़कों पर अधिवक्ताओं ने जमकर हंगामा किया। जगह-जगह अधिवक्ताओं ने जाम लगा दिया। हालात यह हो गए कि पानी पेच, पीतल फैक्ट्री, रेलवे स्टेशन, हाथीबाबू मार्ग, खासाकोठी, कलेक्ट्रेट, गर्वनमेंट हॉस्टल के आसपास लोग घंटों तक जाम में ही फंसे रहे।
वकीलों ने कलेक्ट्रेट सर्किल पर बेरिकेड और वाहन सड़क के बीच खड़े कर रास्ते को रोक दिया। दोपहर तक किसी भी तरह की समझाईश या वार्ता सरकार एवं प्रशासन की अधिवक्ताओं से नहीं हुई है। वहीं प्रदेश के सभी जिलों में भी वकीलों ने जमकर विरोध-प्रदर्शन किया।
अधिवक्ता शुक्रवार को कोर्ट तो पहुंचे लेकिन उन्होंने न्यायिक कार्य नहीं किए। हाईकोर्ट में अवकाशकालीन बैंच के साथ ही निचली अदालतों में भी सुनवाई के साथ ही जमानत के मामले अटक गए। अधिवक्ता या तो प्रदर्शन में नजर आए या फिर अपनी सीटों पर बैठे रहे। कोर्टरुम में जाकर उन्होंने पैरवी नहीं की। इससे परिवादियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा।
अधिवक्ताओं ने मांग की है कि दोषी एसडीएम के खिलाफ तत्काल कार्यवाही की जाए। एसडीएम को निलंबित करने के साथ ही गिरफ्तार करने की भी मांग अधिवक्ताओं ने उठाई है। इसके साथ ही मृत अधिवक्ता के एक परिजन को सरकारी नौकरी के साथ ही मुआवजा देने की भी मांग की गई।
मौत के बाद सवाई मानसिंह अस्पताल की मोर्चरी में ही रात को हंसराज का शव रखा गया। इसके बाद सुबह करीब 10 बजे पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू हुई। इस दौरान मोर्चरी पर भी अतिरिक्त पुलिस जाब्ता तैनात किया गया, क्योंकि जगह-जगह पर अधिवक्ताओं का प्रदर्शन होता रहा। ऐसी स्थिति में एहतियात के तौर पर पुलिस तैनात की गई। इस दौरान परिजनों के साथ ही पूर्व विधायक अमराराम भी पहुंचे। करीब दो घंटे चली पोस्टमार्टम की प्रक्रिया के बाद शव को पुलिस सुरक्षा के साथ खंडेला रवाना किया गया।