जयपुर

अधिवक्ता की नाबालिग बच्चियों की खोज के लिए हाईकोर्ट के बाहर टेंट लगाकर वकीलों ने किया रास्ता जाम

3 फरवरी से गायब दो नाबालिग बच्चियां नहीं खोज पा रही पुलिस, वकीलों के विरोध के बाद पुलिस ने गठित की एसआईटी

जयपुर। महेश नगर इलाके से 3 फरवरी को लापता हुई दो नाबालिग बच्चियों को जयपुर पुलिस आज तक नहीं खोज पाई है। नाबालिग बच्चियों की बरामदगी के लिए सोमवार को अधिवक्ताओं ने हाईकोर्ट के सामने जनपथ को जाम कर दिया और टेंट लगाकर धरना प्रदर्शन शुरू किया।

प्रदर्शन में वकीलों ने पुलिस को जमकर कोसा और राजस्थान पुलिस को 24 घंटे का टाइम दिया है। अगर इस बीच बच्चियां नहीं मिली तो आंदोलन को उग्र किया जाएगा। जिसके जिम्मेदारी सरकार और डीजीपी राजस्थान की होगी। प्रदर्शन के दौरान सचिवाल के आस—पास के क्षेत्र, अम्बेडकर सर्किल, रामबाग, बाईस गोदाम और स्टेच्यु सर्किल इलाके में जाम के हालात बन गए। ट्रे​​िफक रेंग—रेंग कर चला।

वकीलों के प्रदर्शन के बाद एसआईटी का गठन
वकीलों के प्रदर्शन के बाद डीजीपी एमएल लाठर ने मामले की गम्भीरता को देखते हुए एसआईटी का गठन किया है। एडिशनल कमिश्नर जयपुर अजयपाल लांबा के नेतृत्व में 16 सदस्य एसआईटी में होंगे, लांबा जयपुर कमिश्नर को हर दिन की प्रगति रिपोर्ट से अवगत करेंगे। डीजीपी ने एटीएस के एडीजी को भी इस मामले में सभी तकनीकि एवं ऑपरेश्नल सहयोग उपलब्ध करवाएंगे। लांबा की टीम में डीसीपी साउथ मृदुल कच्छावा, एडिशनल डीसीपी करण शर्मा, एसीपी सोडाला भोपालसिंह भाटी, एसीपी चिरंजी, एसीपी दुर्गाप्रसाद, एसीपी मनोज गुप्ता, सीआई ओम प्रकाश, सज्जनसिंह, खलील अहमद, सुरेन्द्र सिंह, अनिल कुमार मुड, एएसआई राजेश शर्मा, हैड कांस्टेबल महिपाल, होशियार सिंह, कांस्टेबल भीमसिंह, देवराज रहेंगे।

पुलिस काम करती तो नहीं पड़ती सड़क पर बैठने की जरूरत
नाबालिग बच्चियों के परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस अगर काम करती तो, वकीलों को सड़क पर बैठने की जरूरत नहीं थी। पिता ने कहा कि डीजीपी को ही 42 दिन बाद पता चला की जयपुर से दो नाबालिग बच्चियां गायब है। घटना के बाद से ही पुलिस मामले पर कोताही बरत रही है। पुलिस को बार-बार बोला तब जाकर टीम को लखनऊ भेजा गया। वहां पर भी किसी भी प्रकार की जांच पुलिस ने नहीं की। हम लोगों ने ही सीसीटीवी में फुटेज निकाली और पुलिस को दी। हमारे साथ गये पुलिसकर्मी हमें ही बोल रहे की क्या करना आप ही बता दो।

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