चेन्नई। तमिलनाडु बीजेपी के राज्य अध्यक्ष के अन्नामलाई ने भारतीय संघ मुस्लिम लीग (IUML) के नेता और रामनाथपुरम से लोकसभा सांसद नवास कानी पर तीखा हमला किया। आरोप है कि नवास कानी ने मदुरै के थिरुपरनकुंड्रम सुब्रमण्यम स्वामी पहाड़ी पर गैर-शाकाहारी भोजन का सेवन किया।
अन्नामलाई का बयान
अन्नामलाई ने इस घटना को “गंभीर रूप से दुर्भाग्यपूर्ण” करार देते हुए कहा, “यह सांसद पहाड़ी पर गया और गैर-शाकाहारी भोजन खाया। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। तुष्टिकरण की राजनीति हावी हो गई है। इस सांसद को तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए।” उन्होंने आगे कहा कि इस कृत्य से कानून व्यवस्था की समस्या पैदा हुई है।
घटना का संदर्भ
• यह विवाद तब शुरू हुआ जब मुस्लिम समुदाय और पुलिस के बीच जानवरों के परिवहन को लेकर तनाव हुआ। इन जानवरों को बलिदान के लिए ले जाया जा रहा था।
• यह पहाड़ी सिर्फ प्रसिद्ध मुरुगन मंदिर का स्थान नहीं है, बल्कि इसके आसपास सिकंदर बदूशा दरगाह भी स्थित है।
• अन्नामलाई ने इसे मुरुगन मंदिर की पवित्रता पर सीधा हमला बताते हुए आरोप लगाया कि नवास कानी ने इस कदम से धार्मिक विवाद को भड़काने की कोशिश की।
नवास कानी का खंडन
सांसद नवास कानी ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा:
“मैंने गैर-शाकाहारी भोजन नहीं किया। यह किसी और ने किया था। अन्नामलाई का यह दावा कि मैंने भोजन किया, पूरी तरह गलत है।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह वहां दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता करने गए थे, न कि विवाद बढ़ाने के लिए।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस मामले ने तमिलनाडु की राजनीति में हलचल मचा दी है।
• बीजेपी इसे धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ बता रही है।
• आईयूएमएल और अन्य दल इसे सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने का प्रयास बता रहे हैं।
यह घटना धार्मिक स्थलों की पवित्रता और धार्मिक भावनाओं के मुद्दों पर राजनीतिक बहस का केंद्र बन गई है। जहां अन्नामलाई इसे तुष्टिकरण की राजनीति बता रहे हैं, वहीं नवास कानी ने इसे झूठा आरोप करार दिया है।