एक तरफ राज्यसभा के लिए वोटिंग का अधिकार जाने की चिंता, तो दूसरी तरफ विधानसभा सदस्यता समाप्त होने का डर, किसी के पक्ष में खुलकर नहीं आएंगे सामने
जयपुर। राज्यसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस की बाड़ाबंदी शुरू हो चुकी है। गुरुवार को कुछ निर्दलीय विधायक उदयपुर पहुंच चुके हैं, तो एक बस में कांग्रेसी विधायकों को उदयपुर भेजा गया है। इसके बीच बसपा से कांग्रेस में आए पांच विधायक अभी बाड़ाबंदी में नहीं पहुंचे हैं। कहा जा रहा है कि उनके सामने कुआं तो पीछे खाई की स्थिति बनी हुई है, ऐसे में वह खुलकर किसी के पक्ष में सामने नहीं आएंगे, चुपचाप अपना वोट डालेंगे।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि राज्यसभा चुनावों की घोषणा के साथ ही बसपा की ओर से इन विधायकों के वोटिंग का अधिकार खत्म करने की मांग की गई है। ऐसे में इनका मानना है कि यदि यह पांचों विधायक कांग्रेस के समर्थन में आते हैं, तो बसपा उनका वोटिंग का अधिकार खत्म कराने की कोशिशें तेज क देगी। वहीं दूसरी ओर यदि उनका वोटिंग का अधिकार खारिज नहीं हुआ और उन्होंने भाजपा उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान कर दिया, तो उनकी विधानसभा की सदस्यता खतरे में पड़ सकती है। ऐसे में यह विधायक खुलकर सामने नहीं आएंगे और चुपचाप वोटिंग की कोशिश में रहेंगे।
विश्लेषकों का मानना है कि बसपा विधायक नकली नाराजगी जाहिर कर अपने बचाव में लगे हुए हैं। यदि वह वोट डालने में कामयाब होते हैं, तो उनकी बड़ी जीत होगी और यह विधायक कांग्रेस के उम्मीदवारों को ही चुपचाप वोट डालेंगे, क्योंकि इन्हें पता है कि यदि उनका वोट भाजपा को चला गया, तो उनकी विधानसभा की सदस्यता खतरे में पड़ सकती है और यदि उनकी सदस्यता समाप्त होती है, तो वह न घर के रहेंगे और न ही घाट के।
गुरुवार को तिजारा विधायक संदीप यादव की ताई के निधन पर शोक व्यक्त करने के लिए बसपा से कांग्रेस में आए विधायक राजेंद्र गुढ़ा, जोगेन्द्र अवाना, गिर्राज सिंह मलिंगा, वाजिब अली, लाखन मीणा गुरुवार को थड़ा गांव पहुंचे। इस दौरान सैनिक कल्याण और पंचायती राज मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि राज्यसभा में प्रदेश से स्थानीय नेता होना चाहिए। जिससे प्रदेश का मजबूत प्रतिनिधित्व हो सके।
गुढ़ा ने कहा कि गहलोत सरकार पर दो बार आए संकट में उन्होंने ही ढाल बनकर सरकाप को बचाया था। बसपा के 6 विधायकों ने ही कांग्रेस की सरकार को गिरने से बचाया था और आने वाली 10 तारीख को राज्यसभा सदस्य के चुनाव में भी बसपा के विधायक की निर्णायक होंगे। भाजपा से किसी भी प्रकार का उनका संपर्क नहीं हुआ है। राज्य सरकार कमजोर पड़ चुकी है। सही निर्णय नहीं लिए जा रहे हैं। राज्यसभा सांसद प्रत्याशी राजस्थान का ही होना चाहिए था। अभी तक राज्यसभा और लोकसभा में एक भी माइनॉरिटी का सांसद सदस्य नहीं है। इस पर भी मुख्यमंत्री को विचार करना चाहिए था। हम अपने काम में लगे हुए हैं। अभी सरिस्का में टाइगर देखने के लिए आए हैं, उसके बाद आगे का सोचा जाएगा।
तिजारा विधायक संदीप यादव ने कहा कि बसपा के सभी विधायक एक परिवार की तरह रहते हैं और सभी निर्णय मिलकर एक साथ करते हैं। राज्यसभा सदस्य चुनाव में भी पांचों विधायक एक जगह ही वोट डालेंगे। सभी विधायकों में कुछ नाराजगी है। उस पर भी मंथन किया जा रहा है।